शिमला: भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं विदेश व संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा की भारतीय जनता पार्टी अपना लोक सभा का रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच में गई है पर कांग्रेस सरकार अपने पिछले 16 महीने का रिपोर्ट कार्ड नहीं दिखा पाई है, यह सुख की नहीं दुख की सरकार है।
हिमाचल प्रदेश में 2014 का पूरा बजट लगभग 57 करोड़ था आज यह लगभग 59 करोड़ पहुंच गया है, इससे साफ दिखता है कि हिमाचल प्रदेश को केंद्र से कितना पैसा आया है क्योंकि यह सारा बजट केंद्र आधारित होता है। हमारा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से निवेदन करते हैं कि अगर बजट बनाना है तो महिलाओं से ही सीख लो हम घर चलना भी जानते हैं और सरकार चलाना भी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 वर्षों में भारत को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया है। यह परिवर्तन सभी क्षेत्रों में दिखाई दे रहा है, चाहे वह रेलवे हो, राजमार्ग हो, स्वास्थ्य सेवा हो, शिक्षा आदि हो। यह प्रधानमंत्री मोदी के ’सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के दृष्टिकोण की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी और 2014 से 2024 जब केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार रही भारत ने अपने दो युगों को साफ-साफ देखा है एक युग जो विनाशकाल की दृष्टि से देखा जा सकता है और दूसरा अमृतकाल।
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि मॉर्गन स्टैनली जो की एक विश्व के अग्रणी वित्तीय विश्लेषक है उनकी टिप्पणी के मुताबिक यूपीए के दौरान भारत एक नाजुक अर्थव्यवस्था थी और मोदी सरकार में भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत ने 2021 और 2022 में दो वर्षों की मजबूत आर्थिक वृद्धि के बाद 2023 में भी अपनी निरंतर एवं तेज रफ्तार को कायम रखा है। भारत 2030 तक 7.3 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी और एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की सरकार कुप्रबंधन के लिए जानी जाएगी जहां अपने 16 महीने के कार्यकाल में इस सरकार ने 25000 करोड़ का ऋण ले लिया है, ऋण लेने में तो इस सरकार ने पूर्व के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पूर्व की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 2012 से 2017 के बीच केवल 17829 करोड़ का ऋण लिया था। इस कांग्रेस की सरकार ने इस ऋण को कहां खर्च इसका अभी तक हमें भी समझ नहीं आ रहा है।