शिमला : ग्राम मेंथली, डाकघर दुर्गापुर (तहसील एवं जिला शिमला) के मोहन सिंह ने अर्थशास्त्र विषय में यूजीसी-नेट परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की है। 3 जनवरी 2025 को आयोजित इस परीक्षा के परिणाम 22 फरवरी को घोषित किए गए, जिसमें मोहन ने 300 में से 154 अंक और 88.83 प्रतिशत स्कोर अर्जित किया। यह उपलब्धि उन्हें सहायक प्रोफेसर और पीएचडी के लिए योग्य बनाती है।
भगत राम औरगीता देवी के पुत्र मोहन सिंह वर्तमान में राजकीय उच्च विद्यालय, मूलबरी (शिमला) में टीजीटी (एनएम) के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय डॉ. बी.आर. अंबेडकर के विचारों और अपने परिवार, विशेषकर पत्नी के अथक समर्थन को दिया।

मोहन ने बताया कि डॉ. अंबेडकर के संघर्ष और शिक्षा पर जोर ने उन्हें प्रेरित किया: “शिक्षा वह हथियार है जो हर बाधा तोड़ देती है। मेरी पत्नी ने बच्चों (अनन्या बोध और नम्रता बोध) और घर की जिम्मेदारी संभालकर मुझे निर्बाध पढ़ाई का मौका दिया। यह सफलता उनके बिना असंभव थी।”
मोहन की सफलता से उनके परिवार, मित्रों और स्थानीय समुदाय में खुशी की लहर है। उनकी यह जीवन-यात्रा उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो संसाधनों की कमी के बावजूद उच्च शिक्षा के लिए संकल्पित हैं। एक शिक्षक के रूप में उनकी यह उपलब्धि शैक्षणिक समुदाय में भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
मोहन सिंह का संदेश स्पष्ट है: “कड़ी मेहनत और परिवार का विश्वास सफलता की कुंजी है। डॉ. अंबेडकर ने सिखाया कि शिक्षा समाज की दिशा बदल सकती है, और मैं इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।”
यह सफलता न केवल मोहन के व्यक्तिगत संकल्प, बल्कि उनके परिवार की सामूहिक मेहनत का भी प्रतीक है। शिमला के इस होनहार शिक्षक ने एक बार फिर साबित किया है कि लक्ष्य के प्रति समर्पण हर चुनौती को पार करा देता है।