नाहन : ग़म और मातम के महीने मुहर्रम की 8 तारीख के मौके पर गुरुवार को नाहन शहर में एक रुहानी और पुरअमन माहौल के बीच आलम-ए-अब्बास का जुलूस निकाला गया। इस आयोजन का संयोजन ‘ख़ादिम-ए-बीबी फातिमा ज़हरा’ और ‘ताज़िया कमेटी कच्चा टैंक’ के संयुक्त सहयोग से किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य कर्बला की जंग में शहीद हुए इमाम हुसैन (अ.स) और उनके साथियों की कुर्बानी को याद करना था।
जुलूस में शहर भर से बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने शिरकत की। हज़रत अब्बास (अ.स) की बहादुरी और वफ़ा को याद करते हुए लोगों ने उन्हें खिराजे अकीदत पेश की। जुलूस में धार्मिक प्रतीकों जैसे आलम (ध्वज), ताज़िया और ज़ुलजनाह को भी शामिल किया गया, जिनका कर्बला की घटना में ऐतिहासिक और भावनात्मक महत्व है।

इस अवसर पर ‘सबीले इमाम हुसैन (अ.स) का भी आयोजन किया गया, जहाँ राहगीरों को ताज़ा पानी और शरबत वितरित किया गया। यह सबील कर्बला की उस प्यास की याद दिलाता है, जिसे इमाम हुसैन और उनके साथियों ने सहा, और जो आज भी इंसानियत, त्याग और भाईचारे की प्रतीक बन चुकी है।