नाहन फाउंड्री सिर्फ अतीत की कहानी नहीं है, बल्कि भविष्य के विकास की चाबी भी

नाहन : हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले की औद्योगिक पहचान मानी जाने वाली नाहन फाउंड्री को फिर से शुरू करने की मांग को लेकर नाहन फाउंड्री संघर्ष उत्थान समिति ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार ने आज नाहन में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि जल्द ही पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह से मुलाकात कर फाउंड्री को दोबारा शुरू करने और इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग स्थापित करने की मांग की जाएगी।

नाहन फाउंड्री की स्थापना वर्ष 1875 में तत्कालीन सिरमौर रियासत के महाराजा शमशेर प्रकाश द्वारा की गई थी। यह फाउंड्री उत्तर भारत की सबसे पुरानी औद्योगिक इकाइयों में से एक मानी जाती है। उस दौर में यहां गन्ना क्रशर, फ्लोर मिल्स, कास्ट आयरन पैन, सेंट्रीफ्यूगल पंप जैसे कृषि उपकरणों और औद्योगिक उत्पादों का निर्माण होता था। ब्रिटिश काल में यह फाउंड्री कालिस्तान मंदिर के पास स्थित थी। वर्ष 1964 में इसे हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपने अधीन ले लिया।

इस फाउंड्री ने क्षेत्र को एक औद्योगिक पहचान देने के साथ-साथ हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी दिया। परंतु वर्ष 1996 से यह इकाई बंद पड़ी है, जिससे स्थानीय स्तर पर बेरोजगारी में भारी इजाफा हुआ।

समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि वर्ष 2022 में समिति द्वारा इस विषय में माननीय उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की गई थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में फाउंड्री के परिसर में बने पुराने आवासीय भवन खंडहर में तब्दील हो चुके हैं और प्रशासन द्वारा वर्ष 2022 में इन्हें ध्वस्त करने की कार्यवाही भी शुरू की गई थी।
उन्होंने यह भी दोहराया कि “नाहन फाउंड्री सिर्फ अतीत की कहानी नहीं है, बल्कि भविष्य के विकास की चाबी भी है।” इसलिए यह आवश्यक है कि इसे तकनीकी रूप से पुनर्जीवित कर आधुनिक औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाए।।

विनोद कुमार ने कहा, “यह केवल एक पुरानी फैक्ट्री नहीं, बल्कि नाहन की पहचान और गौरव है। अब समय आ गया है कि सरकार इसमें कोई आधुनिक, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक उद्योग स्थापित करे, ताकि युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल सके।”

समिति अब पीडब्ल्यूडी मंत्री से मिलकर यह मांग रखेगी कि फाउंड्री को तकनीकी दृष्टि से पुनर्जीवित किया जाए और इसे प्रदेश के औद्योगिक नक्शे पर पुनः स्थापित किया जाए। इसके साथ ही समिति स्थानीय जनता से भी सहयोग की अपील कर रही है, ताकि यह आंदोलन जनआंदोलन का रूप ले सके।

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पंकज जयसवाल

पंकज जयसवाल, हिल्स पोस्ट मीडिया में न्यूज़ रिपोर्टर के तौर पर खबरों को कवर करते हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 2 वर्षों का अनुभव है। इससे पहले वह समाज सेवी संगठनों से जुड़े रहे हैं और हजारों युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा देने के साथ साथ रोजगार दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।