नाहन : आज नाहन नगर परिषद् के सदन की बैठक अध्यक्षा श्यामा पुंडीर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में शहर के विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा हुई, जिसमें अतिक्रमण, पार्किंग की समस्या और आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल रहे। बैठक में लिए गए निर्णयों से शहरवासियों को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
बैठक में शहर में बढ़ते अतिक्रमण पर चिंता जताई गई। सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर अनधिकृत कब्जे के कारण लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। इसे देखते हुए नगर परिषद् ने अतिक्रमण पर नकेल कसने का फैसला लिया है। इसके लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा, जो अतिक्रमण को हटाने और नियमों का पालन सुनिश्चित करने का कार्य करेगी। अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान से शहर में व्यवस्था बहाल होगी और लोगों को सुविधा मिलेगी।

नगर परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष अजय गर्ग ने बताया कि पक्का तालाब के पास स्थित पार्किंग के रेट को लेकर वहां के ठेकेदार ने भी ऊंची दरों के कारण पार्किंग संचालन छोड़ने के लिए आवेदन दिया था। इस समस्या को दूर करने के लिए नगर परिषद् ने नई दरें निर्धारित की हैं। अब पक्का तालाब पार्किंग के लिए 2 घंटे का शुल्क 30 रुपये, 6 घंटे का 60 रुपये और प्रति माह का शुल्क 1200 रुपये होगा। पहले ये दरें लगभग दोगुनी थीं, जिसे कम करके आम जनता के लिए किफायती बनाया गया है। इसके अलावा, पुलिस लाइन के पास नई पार्किंग का मासिक शुल्क 1100 रुपये निर्धारित किया गया है। इन कदमों से पार्किंग की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद है।
शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या भी एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। इस समस्या के समाधान के लिए नगर परिषद् ने नाहन के शमशान घाट के पास एक डॉग शेल्टर बनाने का निर्णय लिया है। इस शेल्टर में आवारा कुत्तों को रखा जाएगा, जिससे शहर में उनकी वजह से होने वाली परेशानियों पर काबू पाया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि शेल्टर का निर्माण कार्य एक से दो दिन में शुरू हो जाएगा। इस कदम से न केवल नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि आवारा कुत्तों की देखभाल भी संभव हो सकेगी।
बैठक में शहर की स्वच्छता, यातायात व्यवस्था और अन्य जनसुविधाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया। अध्यक्ष श्यामा पुंडीर ने कहा कि नगर परिषद् नाहन को स्वच्छ, सुंदर और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने नागरिकों से भी सहयोग की अपील की ताकि इन योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया जा सके।