नाहन : शहर के बाल्मीकि नगर में रहने वाला 7 वर्षीय भाविक अपनी अनोखी कला प्रतिभा से हर किसी को हैरान कर रहा है। इतनी कम उम्र में क्ले आर्ट और पेंटिंग में उसकी गहरी रुचि और रचनात्मकता देखते ही बनती है। भाविक चार साल की उम्र से ही पेंटिंग कर रहा है और पिछले तीन वर्षों से वह क्ले आर्ट में भी निपुण होता जा रहा है।
मिट्टी से शुरू हुआ कला का सफर
भाविक के कला-सफर की शुरुआत बहुत साधारण तरीके से हुई। शुरुआती दिनों में वह घर के आंगन में मिलने वाली साधारण मिट्टी से ही छोटी-छोटी आकृतियाँ और खिलौने बनाता था। उसके इस रुझान को देखते हुए परिवार ने उसे क्ले आर्ट का सामान लाकर दिया। इसके बाद से भाविक का ध्यान पूरी तरह क्ले आर्ट और पेंटिंग पर केंद्रित हो गया।

रोज़मर्रा का रूटीन: पढ़ाई के बाद कला
भाविक का दिन भी आम बच्चों की तरह ही शुरू होता है। वह सुबह स्कूल जाता है, घर आकर पहले अपना होमवर्क करता है और फिर समय निकाल कर अपनी कला में जुट जाता है। भाविक ने बताया कि क्ले आर्ट और पेंटिंग उसका पसंदीदा समय होता है, जिसमें वह अपने मन की बातें रंगों और आकारों में ढालता है।
दोस्तों को देता है अपनी बनाई कलाकृतियाँ
भाविक सिर्फ अपने लिए ही नहीं बनाता, बल्कि अपनी बनाई कलाकृतियाँ और पेंटिंग अपने स्कूल के दोस्तों को गिफ्ट करता है। वह कहता है कि जब उसके दोस्त उसकी बनाई चीज़ों को देखकर खुश होते हैं, तो उसे बहुत अच्छा लगता है।
परिवार का पूरा सहयोग
भाविक के माता-पिता बताते हैं कि उन्होंने जब पहली बार देखा कि उनका बेटा साधारण मिट्टी से छोटी-छोटी कलाकृतियाँ बना रहा है, तो उन्हें उसकी रुचि समझ आ गई। इसके बाद उन्होंने बाजार से क्ले, रंग, ब्रश, और अन्य सामान लाकर दिए ताकि वह अपने हुनर को आगे बढ़ा सके। अब परिवार के लिए भाविक की हर नई कलाकृति गर्व का कारण बन गई है।
भविष्य में कलाकार बनने की ख्वाहिश
भाविक अभी भले ही सात साल का हो, लेकिन उसकी कल्पनाओं और कलाकृतियों में गहराई साफ नजर आती है। जब उससे पूछा गया कि वह बड़ा होकर क्या बनना चाहता है, तो उसने मासूमियत से जवाब दिया – “बड़ा होकर बहुत सारी पेंटिंग बनानी है और लोगों को अपनी बनाई चीज़ें दिखानी हैं।”
भाविक जैसे बच्चों की रचनात्मक प्रतिभा समाज के लिए एक प्रेरणा है। इस नन्हे कलाकार को यदि सही मार्गदर्शन, मंच और संसाधन मिलते रहें, तो भविष्य में यह बच्चा राज्य या देश स्तर पर अपने हुनर का परचम लहरा सकता है।