शिमला जिला में सेब के बगीचों का दौरा करेंगे नौणी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक

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सोलन: मानसून की शुरुआत के साथ, सेब की फसल को विभिन्न बीमारियों और कीटों का खतरा बना हुआ है। बीमारियों और कीटों के खतरे से सेब की फसल की गुणवत्ता को प्रभावित होने का खतरा बना रहता हैं। हाल ही में डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी को चित्रों के माध्यम से कुछ सैंपल प्राप्त हुए जिनमें अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा/ब्लाइट और अन्य पत्ती धब्बा रोग दिखाई दे रहे हैं।

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नौणी विश्वविद्यालय ने किसानों को समय पर वैज्ञानिक सलाह प्रदान करने के उद्देश्य से वैज्ञानिकों की तीन टीमें गठित की हैं जो शिमला जिला में सेब के बगीचों का दौरा करेंगी। इन टीमों का लक्ष्य किसानों को मानसून के मौसम के दौरान सेब की फसल को प्रभावित करने वाली बीमारियों के बारे में अवगत करवाना और उचित सलाह देना है।

प्रत्येक टीम में एक पादप रोगविज्ञानी, एक कीटविज्ञानी सहित अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं। वे सेब पर होने वाली बीमारियों और कीटों के हमलों का निदान हेतु 11 और 12 जुलाई को शिमला जिले के सेब उत्पादक क्षेत्रों का दौरा करेंगे। अपने निष्कर्षों के आधार पर, वैज्ञानिक किसानों का मार्गदर्शन प्रदान करेंगे और उपचारात्मक उपाय सुझाएंगे।

  • पहली टीम: रोहड़ू में केवीके शिमला की प्रधान वैज्ञानिक और प्रभारी डॉ. उषा शर्मा के नेतृत्व में केवीके शिमला से डॉ. नागेंद्र बुटेल और डॉ. अजय ब्रागटा पहली टीम का हिस्सा होंगें। यह टीम रोहड़ू, बागी, रत्नारी, खनेटी और कियारी का दौरा करेगी।
  • दूसरी टीम: केवीके सोलन की वैज्ञानिक डॉ. आरती शुक्ला के नेतृत्व में क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण स्टेशन, मशोबरा से डॉ. नीना चौहान और डॉ. संगीता शर्मा दूसरी टीम का हिस्सा होंगें। यह टीम जुब्बल और ठियोग ब्लॉक के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करेगी।
  • तीसरी टीम: विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में पादप रोग विज्ञान विभाग की वैज्ञानिक डॉ. शालिनी वर्मा के नेतृत्व में फल वैज्ञानिक डॉ. नवीन शर्मा और कीटविज्ञानी डॉ. राकेश दरोच तीसरी टीम का हिस्सा होंगें। यह टीम चौपाल ब्लॉक के क्षेत्रों का दौरा करेंगे।

इन फील्ड दौरों का समन्वय पादप रोग विज्ञान विभाग के प्रोफेसर और विभाग अध्यक्ष डॉ. सतीश शर्मा द्वारा किया जा रहा है। विश्वविद्यालय इन दौरों के निष्कर्षों के आधार पर किसानों को एक विस्तृत सलाह भी जारी करेगा। बागवानी विभाग ने आने वाली टीमों के साथ समन्वय के लिए संबंधित ब्लॉकों के अपने अधिकारियों को सूचित कर दिया है।