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नौणी विश्वविद्यालय में कृषि रसायन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन परियोजना का शुभारंभ

सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने वैश्विक पर्यावरण सुविधा और संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन की भारत में कृषि रसायन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन क्षेत्रीय परियोजना के शुभारंभ पर एक विशिष्ट वक्ता रहे।

इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र सहित वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग और अन्य सरकारी निकायों और शैक्षणिक संस्थान के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रो. चंदेल ने कृषि पारिस्थितिकी में विश्वविद्यालय के काम पर अंतर्दृष्टि साझा की और कैसे एक्रोपिक्स (ACROPICS) परियोजना,  जिसका सदस्य विश्वविद्यालय है, के लक्ष्यों को भारत में फार्म (FARM) परियोजना के साथ जोड़ा जा सकता है पर अपने विचार रखे।

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इक्वाडोर, भारत, केन्या, लाओ पीडीआर, फिलीपींस, उरुग्वे और वियतनाम की सरकारों द्वारा शुरू की गई ग्लोबल फार्म परियोजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को विषमुक्त करने के लिए एक नियामक और वित्तीय ढांचा स्थापित करना है। फार्म कार्यक्रम का मिशन कृषि रसायन के उपयोग को कम करने की दिशा में नीति और वित्तीय संसाधनों को पुनः उन्मुख करके कृषि क्षेत्र को बदलना है। इसके लक्ष्यों में कम रासायनिक रूप से गहन कृषि प्रणाली बनाना, पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करना और पुनर्स्थापित करना, हानिकारक इनपुट को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना, कृषि से कार्बन उत्सर्जन को कम करना और छोटे किसानों के लिए टिकाऊ और लचीले कृषि समुदायों को बढ़ावा देना शामिल है।

एशिया में क्षेत्रीय कृषि परियोजना को भारत और फिलीपींस में संयुक्त रूप से लागू किया जाएगा, जिसमें लगातार जैविक प्रदूषकों और अत्यधिक खतरनाक कीटनाशकों के लिए पर्यावरण-अनुकूल फसल सुरक्षा समाधान को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। भारत में, यह परियोजना 10 राज्यों में कई फसलों को कवर करेगी।

डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय प्राकृतिक खेती जैसी कृषि पारिस्थितिकी प्रथाओं में अग्रणी कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय पहले से ही यूरोपीय संघ द्वारा वित्त पोषित एक्रोपिक्स कंसोर्टियम का हिस्सा है। इस संघ का लक्ष्य कृषि पारिस्थितिकीय फसल संरक्षण में सह-नवाचार को बढ़ावा देना है, जिसमें 13 देशों के 15 सदस्य हैं, जिनमें 12 शैक्षणिक संगठन और तीन कंपनियां शामिल हैं। ACROPICS का लक्ष्य कृषि पारिस्थितिकी फसल संरक्षण में प्रणालीगत नवाचारों के माध्यम से रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग में कमी को बढ़ावा देना है। विश्वविद्यालय के प्राकृतिक खेती के लिए स्थायी खाद्य प्रणाली मंच परियोजना में अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार आशीष गुप्ता ने भी इस कार्यक्रम में छोटे हिमालयी किसानों के साथ कृषि-खाद्य प्रणालियों को स्थायी रूप से बदलने पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

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