दिल्ली : भारत की रक्षा सेवाओं के इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ा है। पहली बार नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) से 17 महिला कैडेट्स ने स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली है। ये सभी महिला कैडेट्स अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की सेवा के लिए तैयार हैं।
इस अवसर पर जनरल सिंह ने कहा, ‘आज अकादमी के इतिहास में एक अनोखा महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि एनडीए से महिला कैडेटों का पहला बैच पास आउट हुआ है। यह अधिक समावेशिता और सशक्तिकरण की दिशा में हमारी सामूहिक यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।’ उन्होंने कहा कि ये युवतियां नारी शक्ति का अपरिहार्य प्रतीक हैं, जो न केवल महिलाओं के विकास, बल्कि महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं एक ऐसे भविष्य की कल्पना करता हूं, जो अब से बहुत दूर नहीं है, कि इनमें से कोई एक युवतियां जिस सेवा में जाती हैं, उसमें सर्वोच्च भूमिका निभाएं।’

आज पुणे स्थित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में 148वें पासिंग आउट परेड (POP) का आयोजन भव्य रूप से किया गया, जहां मिजोरम के राज्यपाल जनरल (डॉ) वीके सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम (सेवानिवृत्त) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस ऐतिहासिक अवसर पर, 300 से अधिक पुरुष कैडेट्स के साथ-साथ 17 महिला कैडेट्स के पहले बैच ने भी गर्वपूर्वक एनडीए से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने महिलाओं को एनडीए में प्रवेश की अनुमति दी थी। इसके बाद महिलाओं का पहला बैच 2022 में एनडीए में शामिल हुआ था। अब, दो साल की कठिन ट्रेनिंग पूरी कर ये 17 महिला कैडेट्स देश के तीनों रक्षा अंगों – थल सेना, नौसेना और वायुसेना – में अधिकारी बनने के लिए तैयार हैं।