सोलन: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग ढांचा (NIRF) 2025 में हिमाचल प्रदेश के डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी ने एक बार फिर अपनी अकादमिक उत्कृष्टता का लोहा मनवाया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा कल नई दिल्ली में घोषित इन परिणामों में नौणी विश्वविद्यालय ने कृषि, वानिकी और संबद्ध क्षेत्रों में देश भर में 12वां स्थान हासिल कर एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की है।

इस वर्ष की रैंकिंग में विश्वविद्यालय ने न केवल अपनी स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि कई मानकों पर महत्वपूर्ण सुधार भी दर्ज किया है। कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों की विस्तृत श्रेणी में, जिसमें देश के सभी प्रतिष्ठित आईसीएआर संस्थान भी शामिल हैं, विश्वविद्यालय ने 20वां स्थान प्राप्त किया है। इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय को देश भर के शीर्ष विश्वविद्यालयों की श्रेणी में 101-150 बैंड में और ओवरऑल श्रेणी में 151-200 बैंड में स्थान मिला है।
अंकों में सुधार और प्रदर्शन में निरंतरता
विश्वविद्यालय ने अपनी रैंकिंग में निरंतर प्रगति दर्शाते हुए अपने कुल अंकों में उल्लेखनीय सुधार किया है। पिछले वर्ष (2024) के 54.67 अंकों के मुकाबले इस वर्ष (2025) विश्वविद्यालय ने 55.53 अंक प्राप्त किए हैं। यह सुधार कुल 17 में से 9 महत्वपूर्ण मानकों पर बेहतर प्रदर्शन का परिणाम है, जबकि चार मानकों में विश्वविद्यालय ने अपना पूर्ण अंक बरकरार रखा है। यह प्रगति मुख्य रूप से छात्र संख्या, प्राध्यापकों की योग्यता और अनुभव, शोध प्रकाशनों की संख्या और गुणवत्ता, क्षेत्रीय विविधता और संस्थान की समग्र धारणा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हुए सुधारों के कारण संभव हुई है।
कुलपति ने दी बधाई, भविष्य के लिए लक्ष्य निर्धारित
इस शानदार उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने पूरे विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी। उन्होंने कहा, “NIRF रैंकिंग में विश्वविद्यालय का निरंतर अच्छा प्रदर्शन बागवानी और वानिकी के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार कार्यों के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस वर्ष कई मानकों में हमारे कुल अंकों में हुआ सुधार विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे सकारात्मक कार्यों का प्रमाण है।” उन्होंने आगे कहा, “हम उन मानकों का भी गहराई से विश्लेषण कर रहे हैं, जहाँ हमारा प्रदर्शन अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहा है, ताकि आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाकर आने वाले वर्षों में और भी बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकें।”