NTT की शर्त, पर कोर्स ही नहीं! हिमाचल की 6,297 प्री-प्राइमरी भर्तियां सवालों के घेरे में

Photo of author

By पंकज जयसवाल

शिमला : हिमाचल प्रदेश में 6,297 प्री-प्राइमरी प्रशिक्षकों की भर्ती को लेकर स्कूल शिक्षा निदेशालय ने नियम और शर्तें तय कर दी हैं। निदेशालय ने राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन को भेजे पत्र में स्पष्ट किया है कि केवल दो साल की नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (NTT) करने वाले ही पात्र होंगे और यह ट्रेनिंग नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (NCTE) की वेबसाइट पर सूचीबद्ध मान्यता प्राप्त संस्थानों से ही होनी चाहिए। राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ने सभी कंपनियों को आधिकारिक NCTE वेबसाइट का हवाला देते हुए केवल वहीं सूचीबद्ध संस्थानों से प्रशिक्षित उम्मीदवार चुनने के निर्देश दिए हैं।

लेकिन हकीकत में तस्वीर बिल्कुल उलटी है। NCTE की आधिकारिक वेबसाइट
https://ncte.gov.in/ncte_new/page-regional-committee-institution-lists/101/himachal-pradesh
के अनुसार ‘हिमाचल प्रदेश’ के कॉलम में NTT कोर्स का नाम तक दर्ज नहीं है। मतलब, प्रदेश में एक भी ऐसा संस्थान नहीं है जिसे यह कोर्स चलाने की मान्यता मिली हो। अब सवाल सीधा है जब कोर्स कराने वाला कोई संस्थान ही नहीं, तो नियम के मुताबिक़ पात्र उम्मीदवार आएंगे कहां से?

JBT

भर्ती प्रक्रिया से जुड़ी कुछ निजी कंपनियां, जिन्हें साक्षात्कार लेकर चयन करना है, नाम न छापने की शर्त पर कहती हैं “इन नियमों के बाद तो पात्र उम्मीदवार मिलना लगभग असंभव है।”

अब देखना यह होगा कि सरकार इस “कागज़ी पात्रता” और “जमीनी हकीकत” के इस अंतर को कैसे पाटेगी, और उन सैकड़ों प्रशिक्षुओं का क्या होगा जिन्होंने हिमाचल के गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों से यह कोर्स किया है।

Photo of author

पंकज जयसवाल

पंकज जयसवाल, हिल्स पोस्ट मीडिया में न्यूज़ रिपोर्टर के तौर पर खबरों को कवर करते हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 2 वर्षों का अनुभव है। इससे पहले वह समाज सेवी संगठनों से जुड़े रहे हैं और हजारों युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा देने के साथ साथ रोजगार दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।