नाहन : DIG साइबर क्राइम मोहित चावला ने आज नाहन में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि सिरमौर जिला साइबर अपराधों से निपटने में पूरे प्रदेश के लिए उदाहरण बन चुका है। उन्होंने बताया कि बदलते वक्त के साथ अपराधियों की गतिविधियां पारंपरिक अपराधों से हटकर अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट हो चुकी हैं, और ऐसे में हिमाचल जैसे राज्य, जहां मोबाइल व इंटरनेट उपयोग दर देश में सबसे अधिक है, साइबर अपराधों के लिहाज से संवेदनशील हो चुके हैं।
DIG ने जानकारी दी कि सिरमौर पुलिस द्वारा किए गए प्रयासों से साइबर अपराधों में रिकवरी दर में ऐतिहासिक सुधार हुआ है। वर्ष 2013 में यह दर जहां 3.2% थी, वहीं 2024 में राज्य स्तर पर यह 19.76% और सिरमौर जिले में 17.26% पहुंच गई है। इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए उन्होंने DSP रमाकांत की नियुक्ति को निर्णायक कदम बताया, जिन्हें सिरमौर का साइबर नोडल ऑफिसर नियुक्त किया गया है।

उन्होंने कहा कि जिले के सभी 11 थानों को राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) से जोड़ दिया गया है। इससे हर थाने से रियल टाइम शिकायत दर्ज की जा सकती है और ठगी के मामलों में त्वरित कार्रवाई संभव हुई है। इसी सिस्टम के चलते हाल ही में एक महिला के खाते से निकाले जा रहे ₹32 लाख मात्र 15 मिनट में रिकवर कर लिए गए।
प्रेस वार्ता के दौरान DIG चावला ने साइबर यूनिट की भूमिका को सराहते हुए बताया कि सिरमौर के दो पुलिस कर्मियों अमरिंदर सिंह और प्रदीप को ‘Cyber Best’ अवार्ड से सम्मानित किया गया है। वहीं हेड कांस्टेबल रोहित और नरेंद्र को भी सराहनीय सेवाओं के लिए प्रशंसा पत्र प्रदान किए गए हैं। टीम ने हाल ही में ट्रक चोरी और नाबालिग लड़की के अपहरण जैसे मामलों को तकनीकी विश्लेषण के जरिये सुलझाया है।
उन्होंने कहा कि आम जनता के सहयोग से ही साइबर अपराधों पर लगाम लगाई जा सकती है। इसके लिए 1930 साइबर हेल्पलाइन नंबर सबसे प्रभावी माध्यम है। उन्होंने यह भी बताया कि एक केस में जब राजगढ़ निवासी युवक ने 1930 पर कॉल किया, तो समय रहते कार्रवाई कर ₹1.5 लाख की राशि बचा ली गई।
DIG ने बताया कि हिमाचल में हर 15 मिनट में 3 साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज हो रही हैं और 2025 के पहले छह महीनों में ही ₹114 करोड़ से अधिक की साइबर ठगी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि 1930 नंबर जितना ज्यादा प्रचारित होगा, उतनी ही ज्यादा रकम समय रहते बचाई जा सकेगी।
उन्होंने बताया कि पुलिस चाहती है कि हर घर, दुकान, और स्कूल में लोग खुद 1930 नंबर लिखें और दूसरों को भी जागरूक करें। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही सिरमौर में एक आधुनिक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया जाएगा, जिसे CCTV नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
अंत में DIG मोहित चावला ने कहा – “साइबर सुरक्षा अब सिर्फ तकनीक नहीं, सामाजिक जागरूकता का विषय बन गई है। सिरमौर पुलिस ने इस दिशा में जो कदम उठाए हैं, वे न केवल प्रशंसनीय हैं, बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा हैं।”