नाहन : पिछले कल पांवटा साहिब के मुख्य बाजार में एक विवाद तब शुरू हुआ जब हिंदूवादी संगठनों को पता चला कि सहारनपुर के एक विशेष समुदाय के व्यक्ति ने बाजार में कपड़े की नई दुकान खोली है। यह व्यक्ति पहले नाहन के छोटा चौक में कपड़े की दुकान चलाता था, लेकिन वहां से उसकी दुकान खाली करवाई गई थी।
हिंदूवादी संगठनों ने इस व्यक्ति पर आरोप लगाया कि उसने सोशल मीडिया पर पशु बलि की तस्वीरें पोस्ट की थीं, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। इसी कारण पहले नाहन में भी विवाद हुआ था और इस व्यक्ति को अपनी दुकान वहां भी बंद करनी पड़ी थी । पांवटा साहिब में दुकान खोलने की जानकारी मिलने पर, हिंदूवादी संगठनों ने तुरंत विरोध जताया और 24 घंटे के भीतर दुकान खाली करने की चेतावनी दी। उन्होंने दुकान के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया।
हिंदूवादी संगठन के नेता अजय संसारवाल ने कहा कि इसी दूकानदार ने पहले नाहन में धार्मिक भावनाओं को भड़काया था जिसके बाद उससे नाहन में भी दुकान खाली करवाई गई थी लेकिन 3 दिन पहले ही उसने अपनी दुकान पावंटा साहिब में खोल ली। यदि दुकान 24 घंटे के अंदर खाली नहीं की गई, तो संगठन उग्र आंदोलन करेगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की हो गी। स्थिति बिगड़ने के बाद, पांवटा साहिब के एस.डी.एम. गुंजित सिंह चीमा ने हस्तक्षेप किया और बताया कि व्यापारी ने अपनी दुकान खाली कर दी है, जिससे फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
बताते चले पांवटा साहिब में हालिया विवाद की जड़ें कुछ समय पहले नाहन में हुए एक गंभीर मामले से जुड़ी हुई हैं। उस समय, नाहन में स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी, और हिंदूवादी संगठनों ने इस व्यक्ति के खिलाफ सख्त विरोध किया था। विरोध इतना तीव्र था कि प्रशासन को हस्तक्षेप करके व्यक्ति को अपनी दुकान खाली करने पर मजबूर करना पड़ा था। इस विवाद ने नाहन में साम्प्रदायिक सौहार्द को गहरा आघात पहुंचाया था, और स्थिति को सामान्य करने में काफी समय लगा था।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सोशल मीडिया पर की गई एक पोस्ट कैसे छोटे शहरों में बड़े विवाद का कारण बन सकती है। नाहन में हुई घटना की तरह पांवटा साहिब में भी साम्प्रदायिक तनाव का खतरा मंडराने लगा था, जिसे समय रहते टाल दिया गया। अब प्रशासन और स्थानीय संगठनों की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे मुद्दों को आगे बढ़ने से रोकें और शांति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करें।