राजकुमारी दिव्यश्री का हृदयस्पर्शी संदेश: अपनी धरोहरों को सम्मान दो, यही नाहन का गौरव है!

नाहन: सिरमौर रियासत के गौरवशाली इतिहास के प्रतीक, लगभग 400 साल पुराने शाही महल के द्वार जल्द ही आम जनता और देश-विदेश के पर्यटकों के लिए खुलने जा रहे हैं। यह महत्वपूर्ण घोषणा सिरमौर के पूर्व महाराजा उदय प्रकाश की पुत्री दिव्यश्री कुमारी ने महल प्रांगण में नगर खेड़ा की पूजा के अवसर पर की। इस दौरान उन्होंने नाहनवासियों से अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को संजोने और उनका सम्मान करने का मार्मिक आह्वान भी किया।

राजकुमारी दिव्यश्री ने इस बात पर दुःख व्यक्त किया कि ऐतिहासिक इमारतों पर पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं, उनके आसपास गाड़ियां पार्क की जा रही हैं और दीवारों पर थूका जा रहा है। उन्होंने कहा, “दिल्ली गेट जैसी जगहों पर कंबल बिछाए जाते हैं और पोस्टर लगे होते हैं। यदि हम स्वयं अपनी धरोहरों का आदर नहीं करेंगे, तो बाहर से आने वाले पर्यटक क्यों करेंगे?” उन्होंने याद दिलाया कि सिरमौर रियासत का भारत की 565 रियासतों में एक विशिष्ट स्थान रहा है और नाहन में ऐसी 16 ऐतिहासिक इमारतें हैं जिनका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने महल के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसका निर्माण 1621 में राजा करम प्रकाश ने बाबा बनवारी दास के आशीर्वाद से करवाया था, जिनकी समाधि बाद में जगन्नाथ मंदिर में बनी। दिव्यश्री कुमारी ने कहा कि उनके पिता, स्वर्गीय महाराजा उदय प्रकाश, नाहन की जनता को अपने परिवार का ही अंग मानते थे और उन्होंने ही पहली बार महल के द्वार जनता के लिए खोले थे।

इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, राजकुमारी ने घोषणा की कि महल का जीर्णोद्धार कार्य, जो उनके पिता ने वर्ष 2000 में शुरू करवाया था, अब अंतिम चरण में है। इसके पूरा होते ही महल को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा, जिससे उन्हें सिरमौरी संस्कृति से रूबरू होने का अनूठा अवसर मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि विला राउंड स्थित उनकी एक अन्य प्रॉपर्टी में पिछले तीन वर्षों से पर्यटक आ रहे हैं और महल खुलने से क्षेत्र में पर्यटन को और गति मिलेगी।

अंत में, राजकुमारी दिव्यश्री ने सिरमौर में सदैव कायम रहे सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे का जिक्र करते हुए, इसी एकता के साथ नाहन को विकास के पथ पर आगे ले जाने का संदेश दिया।

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पंकज जयसवाल

पंकज जयसवाल, हिल्स पोस्ट मीडिया में न्यूज़ रिपोर्टर के तौर पर खबरों को कवर करते हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 2 वर्षों का अनुभव है। इससे पहले वह समाज सेवी संगठनों से जुड़े रहे हैं और हजारों युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा देने के साथ साथ रोजगार दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।