नाहन: अधिवक्ता अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। नाहन में आज भी सभी अधिवक्ताओं ने अदालत का बहिष्कार किया और सरकार से इस संशोधन को वापस लेने की मांग की। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह बिल उनके मौलिक और संवैधानिक अधिकारों का हनन करता है और इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए।
बार एसोसिएशन नाहन के अध्यक्ष अमित अत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह बिल अधिवक्ताओं के हित में नहीं है, बल्कि उनकी स्वतंत्रता को बाधित करने वाला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता बाधित होने से आम जनता को न्याय मिलने में कठिनाई होगी। 3 मार्च से अधिवक्ता इस बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक विरोध जारी रहेगा। अधिवक्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार को इस बिल को पारित करने से पहले अधिवक्ताओं से विचार-विमर्श करना चाहिए था।

अधिवक्ताओं की प्रमुख मांगें हैं कि अधिवक्ता अधिनियम संशोधन बिल को तुरंत वापस लिया जाए, अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता और अधिकारों की रक्षा की जाए, और किसी भी नए कानून से पहले अधिवक्ताओं से चर्चा की जाए। अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है, तो वे अपना विरोध और तेज करेंगे। इस मुद्दे को लेकर पूरे देश में अधिवक्ता समुदाय में असंतोष बढ़ता जा रहा है और अन्य जिलों में भी इस विरोध प्रदर्शन का प्रभाव देखा जा रहा है।