मंडी : ग्राम पंचायत ठाकुरठाणा की महिला प्रधान माला मेहता पर सड़क निर्माण, सामुदायिक भवन और श्मशान घाट के नाम पर लाखों रुपये के सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप सिद्ध होने के बाद जिला पंचायत अधिकारी संचित डोगरा ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
RTI से सामने आए इस घोटाले में सबसे चौंकाने वाला मामला तब सामने आया जब सड़क निर्माण कार्य में JCB मशीन दिखाकर जिस वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर पर भुगतान किया गया, वह दरअसल सुंदरनगर की एक स्कूटी निकली। जांच में पाया गया कि स्कूटी को JCB मशीन दर्शा कर लगभग 700 घंटे का भुगतान कर दिया गया।

इतना ही नहीं, पंचायत की ओर से जिन सड़कों के निर्माण की बात कही गई, उनमें से कई सड़कें पहले ही 10 से 15 साल पहले बन चुकी थीं। इसके अलावा श्मशान घाट और सामुदायिक भवन जैसे कार्यों में भी कागज़ी घोटाले किए गए, जिनकी पुष्टि प्रारंभिक जांच रिपोर्टों में हुई।
खंड विकास अधिकारी, विकास खंड करसोग की दो अलग-अलग प्रारंभिक जांच रिपोर्टों (22 फरवरी 2025 व 8 मई 2025 को जारी) में माला मेहता पर सार्वजनिक निधियों के दुरुपयोग का स्पष्ट उल्लेख किया गया। इसके आधार पर जिला पंचायत अधिकारी ने माला मेहता को दो बार कारण बताओ नोटिस जारी किए, लेकिन उनके द्वारा दिए गए उत्तर असंतोषजनक और तथ्यों से परे पाए गए।
प्रावधानों के अनुसार, ग्राम पंचायत का वित्तीय संचालन प्रधान और सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से होना चाहिए। लेकिन माला मेहता पर आरोप है कि उन्होंने पंचायत निधियों के दुरुपयोग, गबन और फर्जी बिलों के ज़रिए भारी अनियमितताएं कीं।
हि.प्र. पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 145(1)(ग) और पंचायती राज (सामान्य) नियम, 1997 के नियम 142(1)(क) के तहत, जिला पंचायत अधिकारी संचित डोगरा ने माला मेहता को प्रधान पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही, निर्देश जारी किए कि वे पंचायत से संबंधित कोई भी दस्तावेज़, धनराशि या संपत्ति सचिव को तुरंत सौंपें।
जिला पंचायत अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि माला मेहता उक्त आदेश के विरुद्ध उपायुक्त मंडी के समक्ष अपील दायर कर सकती हैं।
यह घोटाला उस वक्त उजागर हुआ जब एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा दायर की गई RTI के जवाब में उक्त स्कूटी नंबर की जानकारी सामने आई। RTI के दस्तावेज़ों से यह भी खुलासा हुआ कि जिन निर्माण कार्यों का दावा किया गया था, वे पहले से मौजूद हैं या फिर कागज़ों तक ही सीमित थे।
स्थानीय लोगों में इस पूरे मामले को लेकर भारी आक्रोश है। लोग मांग कर रहे हैं कि न केवल प्रधान बल्कि पंचायत सचिव और संबंधित अधिकारियों की भूमिका की भी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। कई सामाजिक संगठनों ने इस पूरे प्रकरण को भ्रष्टाचार का प्रतीक बताते हुए CBI या विजिलेंस जांच की मांग उठाई है।