नाहन: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने हिमाचल प्रदेश सरकार की कार्यशैली को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दिल्ली स्थित हिमाचल भवन की संपत्ति का अटैच होना प्रदेश के लिए एक बड़ा दुर्भाग्य है। नाहन में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने उच्च न्यायालय के इस आदेश को प्रदेश सरकार की विफलता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब किसी राशि की अदायगी न होने के कारण प्रदेश को इस तरह की शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है।
डॉ. बिंदल ने कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही 1000 से अधिक संस्थाओं को बंद कर दिया, जिससे जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने गरीबों की स्वास्थ्य सेवाओं में सहायक हिमकेयर योजना को बंद करने के फैसले की कड़ी आलोचना की और कहा कि इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का भारी नुकसान हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार के फैसले न केवल जनहित के खिलाफ हैं बल्कि प्रदेश की छवि को भी धूमिल कर रहे हैं। “प्रदेश कभी ‘टॉयलेट टैक्स’ को लेकर चर्चा में रहता है तो कभी ‘समोसे की जांच’ जैसी हास्यास्पद खबरों के कारण राष्ट्रीय स्तर पर मजाक बन जाता है। यह सरकार अपने फैसलों में पूरी तरह दुविधा में है और हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है,” उन्होंने कहा।
डॉ. बिंदल ने मौजूदा सरकार पर प्रदेश को आर्थिक संकट में डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी कार्यशैली ने हिमाचल को राष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदा कर दिया है। उन्होंने कहा कि जनता अब इस सरकार से पूरी तरह निराश और तंग आ चुकी है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह जनता के हित में निर्णय ले और प्रदेश को इस तरह की बदनामी से बचाए।