पर्यावरण और नशा जागरूकता के लिए 100 किलोमीटर लंबी दौड़: अंतर्राष्ट्रीय पैरा धावक वीरेंद्र सिंह की प्रेरक पहल

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नाहन : पर्यावरण संरक्षण और नशा मुक्त समाज के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से, अंतर्राष्ट्रीय पैरा धावक वीरेंद्र सिंह ने सिरमौर जिले के हरिपुरधार से 100 किलोमीटर लंबी दौड़ की आज शुरुआत की। यह दौड़ सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में समाप्त होगी, और इसका उद्देश्य समाज में पर्यावरण और नशा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

वीरेंद्र सिंह, जो पहले भी विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर लोगों को जागरूक कर चुके हैं, ने बताया कि इस दौड़ का मुख्य उद्देश्य लोगों तक पर्यावरण और नशा जागरूकता का संदेश पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि आज जहां पर्यावरण संरक्षण एक गंभीर चुनौती बन गया है, वहीं नशे की बढ़ती लत समाज को बर्बाद कर रही है। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं को नशे से दूर रहने और खेलों के माध्यम से स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की सलाह दी।

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पर्यावरण के प्रति जागरूकता
वीरेंद्र सिंह ने लोगों से अपने हर जन्मदिन पर एक पौधा लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जिससे न केवल पर्यावरण को बचाया जा सकता है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करेगा। वीरेंद्र सिंह ने जोर देकर कहा कि मौजूदा समय में पर्यावरण संरक्षण के लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाए जाने की जरूरत है, और पौधारोपण इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

नशा मुक्ति की दिशा में पहल
वीरेंद्र सिंह ने नशे की लत को समाज के लिए एक गंभीर खतरा बताते हुए कहा कि आज के युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने और खेलों में भाग लेकर स्वस्थ जीवन जीने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नशा न केवल व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह पूरे समाज को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।

दौड़ के लिए समर्थन और आभार
इस जागरूकता दौड़ को सफल बनाने में पूर्व सैनिक संगठन ने वीरेंद्र सिंह का साथ दिया है। वीरेंद्र सिंह ने इस सहयोग के लिए संगठन का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस तरह के प्रयासों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह दौड़ समाज में पर्यावरण संरक्षण और नशा मुक्ति के प्रति एक नई सोच को जन्म देगी।

वीरेंद्र सिंह की यह पहल न केवल सिरमौर जिले के लोगों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश और देशभर के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भी है। इस दौड़ के माध्यम से उन्होंने यह साबित किया है कि यदि समाज के लोग जागरूक हो जाएं और पर्यावरण व नशा मुक्ति के प्रति प्रतिबद्धता दिखाएं, तो समाज को बेहतर बनाया जा सकता है।