नाहन: एक समय से पावंटा साहिब में शिवाजी ट्रॉफी खेलने वाला अमान अब भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम का नेतृत्व करेगा। सहारनपुर के छोटे से मोहल्ले में 10 साल पहले एक 8 साल का बच्चा जिद पकड़ लेता है कि उसे क्रिकेट खेलना है। सबसे पहले वह अपनी अम्मी और फिर अब्बा को बताता है कि उसे क्रिकेटर बनना है। अम्मी और अब्बा दोनों हैरान होते हैं कि उनका बेटा यह कैसी जिद पकड़ कर बैठ गया। पिता जो कि पेशे से टैंकर चलाते थे सोचते थे कि बच्चा पढ़-लिख कर अपने पैरों पर खड़ा हो और परिवार की गरीबी दूर हो।
सभी अमान को समझाते है कि इस खेल का खर्चा करना हमारे बस में नहीं है, लेकिन कहतें है कि माँ बाप किसी से हारते हैं तो वो अपने बच्चों से। अमान की जिद के आगे उसकी अम्मी का दिल पसीज गया और अपने पास बचाए हुए 1100 रूपये उसे बैट खरीदने के लिए दे दिए । यहीं से कहानी शुरु हुई, भारत के U-19 टीम के कप्तान मोहम्मद अमान की जिनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली सीरीज में सहारनपुर के अमान को कप्तान चुना गया है। भारत के पूर्व क्रिकटर और कोच राहुल द्रविड़ का बेटा समित द्रविड़ इस टीम में खेलेगा।
जिस दिन से चला हूँ मेरी मंजिल पे नज़र है, आंखों ने मेरी कोई मील का पत्थर नहीं देखा, ये फूल मुझे विरासत में नहीं मिले, तुमने मेरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा। शायर बशीर की ये शायरी मोहम्मद अमान पर बिलकुल फिट बैठती हैं। पिछले 5 सालों में अमान ने अपनी ज़िन्दगी का सबसे बुरा और अच्छा वक़्त देख लिया है।
मोहम्मद अमान 2016-17, 2017-18 में U-14 , 2018-19, 2019-20 में U-16 और 2022-23 में U-19 में क्रिकेट खेल चुकें हैं, वह एक बेहतरीन मिडिल आर्डर बल्लेबाज हैं। अमान 2023 में सबसे पहले उत्तर प्रदेश की U-19 टीम के कप्तान बनाये गए। उनके अच्छे खेल की बदौलत बी.सी.सी.आई. ने उन्हें चैलेन्जर ट्रॉफी में खेलने का मौका U-19 इंडिया में दिया।
चैलेंजर ट्रॉफी में दो शतक लगा कर उन्होंने चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी और खींचा इसी कारण उन्हें एशिया कप U-19 में भारतीय टीम में जगह मिली । इस दौरान उनके अच्छे खेल से प्रभावित हो कर जिला क्रिकेट के अध्यक्ष ने उन्हें कोचिंग के लिए नोएडा भेज दिया।
यहीं से उनके जीवन में परिवर्तन आता है कोरोना काल में जब वह केवल 14 साल के थे तब उनकी अम्मी इसा दुनिया से चल बसी। कुछ दिन के लिए अमान खेल से दूर हो जाता है पर पिता उसका हौसला बढ़ा देते है और उसे वापस नोएडा भेज देते हैं। 2022 में उसके पिता का भी देहांत हो जाता है और अमान वापस सहारनपुर आ जाता है। इस दौरान वह U-19 टीम से भी ख़राब खेल के कारण निकाल दिए जाते हैं ।
सहारनपुर वापस आने के बाद अमान अपने पुराने कोच राजीव गोयल के पास जाता है और उनसे कहता है कि अब वह क्रिकेट नहीं खेल पाएगा और उसे किसी कपडे की दुकान में काम दिलवा दें जिससे वह अपने और अपने भाई बहनों का खर्चा चला सके।
कोच राजीव गोयल ने सलाह दी कि क्रिकेट खेलना न छोड़े और यदि काम ही करना है तो जूनियर को क्रिकेटर को कोचिंग देना शुरू कर दो, इससे खेल से भी जुड़ाव रहेगा और साथ -साथ पैसे भी मिलते रहेंगे। अमान कहते हैं आज उसके पास महंगे से महंगे बल्ले हैं पर उसके पास उसके अम्मी और अब्बू नहीं है।
अपनी सफलता का सबसे बड़ा श्रेय अमान सहारनपुर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद अकरम को देते हैं, अकरम हमेशा उनके साथ खड़े रहे। मोहम्मद अमान अपने कोच राजीव गोयल को भी नहीं भूले, भूतेश्वर क्रिकेट ग्राउंड पर उन्होंने राजीव गोयल से ही क्रिकेट की बारीकियां सीखी।
मोहम्मद अमान के कोच राजीव गोयल ने हिल्स पोस्ट से बात करते हुए बताया कि अमान न केवल तकनीकी से बल्कि मानसिक रूप से भी काफी मजबूत है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि अमान आने वालों समय में भारत (सीनियर ) के लिए खेल कर देश और प्रदेश का नाम रोशन करेगा।
अमान का हिमाचल क्रिकेट के साथ भी गहरा रिश्ता रहा है, पिछले सालों में पावंटा साहिब में होने वाली शिवाजी ट्रॉफी खेलने के लिए लगातार आते रहे हैं। इस ट्रॉफी का आयोजन करने वाले मधुकर डोगरी ने बताया कि अमान बहुत ही बढ़िया बल्लेबाज है। पावंटा साहिब में अमान के साथ खेले लोगों ने उन्हें उनके उज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं ।