राइज अप फॉर पीस, के लिए सनावर ने किया संयुक्त राष्ट्र के साथ गठबंधन

सोलन: समाज और समुदाय  के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए देश के प्रतिष्ठित लॉरेंस स्कूल सनावर ने संयुक्त राष्ट्र संगठन की संस्था  यूएनओडीसी  के सहयोग से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें सरकारी स्कूल समेत 8 पड़ोसी स्कूलों  से करीब 120 बीस छात्रों ने भाग लिए तथा शांति एवं न्याय सरीखे महत्वपूर्ण  मुद्दों पर गंभीरता से  विचार-विमर्श  लिया।  

भाग लेने वाले स्कूलों में आर्मी पब्लिक स्कूल डगशाई, सेंट मैरी कॉन्वेंट-कसौली, कसौली इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, एमआरएडीएवी पब्लिक स्कूल-सोलन, गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, कसौली, गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल-सनावर, गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, धर्मपुर और मेजबान स्कूल शामिल थे।

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बढ़ते संघर्षों, संकटों और असमानताओं के युवाओं पर पडऩे वाले गहरे प्रभाव के मद्देनजर; यूएनओडीसी लॉरेंस स्कूल, सनावर के साथ “शिक्षा भागीदारों के गठबंधन” के रूप में एक नई पहल राइज अप फॉर पीस चला रहा है। राइज अप फॉर पीस पहल शांति, अखंडता और कानून के शासन पर शिक्षा को मजबूत करने के लिए एक जीवंत समुदाय का निर्माण करना चाहती है। यह पहल 35 से अधिक देशों के प्रमुख शिक्षक भागीदारों के साथ संचालित की जा रही है।

 क्या कहना है हैडमास्टर का

इस कार्यशाला पर अपनी संतुष्टि व्यक्त करते हुए, मेजबान स्कूल के प्रधानाध्यापक हिम्मत सिंह ढिल्लों ने कहा, “सनावर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा के शैक्षणिक लक्ष्यों को सही मायने में आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कार्यशाला इस तथ्य का प्रमाण है कि कला एकीकरण और अंतर-विषयक दृष्टिकोण छात्रों को शांति, न्याय, वैश्वीकरण के साथ-साथ वैश्विककरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर शिक्षित करने में बेहद प्रभावी हैं। युवाओं में नशीली दवाओं और अपराध, हिंसा और मानसिक स्वास्थ्य से उत्पन्न होने वाली कमजोरियों को दूर करने के लिए सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) और विशेष रूप से एसडीजी-16 पर शिक्षा को मुख्यधारा में लाना महत्वपूर्ण है।

ऐसे देंगे शांति को बढ़ावा

राइज अप फॉर पीस पहल के तहत एसडीजी16 के लिए कार्यशाला का उद्देश्य कला, मूर्तिकला, नृत्य, संगीत और नाटक जैसे विभिन्न कला रूपों के माध्यम से शांति को बढ़ावा देने के लिए रचनात्मक रास्ते तलाशने में छात्रों को शामिल करना है। दो दिनों के दौरान भाग लेने वाले छात्रों को अपने अधिकारों को समझने, नैतिक निर्णय लेने, अन्याय को चुनौती देने और निष्पक्ष समुदायों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित और सशक्त बनाया गया। छात्रों ने कला की शक्ति का उपयोग सामाजिक परिवर्तन और शांति को बढ़ावा देने के लिए एक परिवर्तनकारी माध्यम  के रूप में किया।

इंटरैक्टिव सत्रों और सहयोगात्मक गतिविधियों के माध्यम से प्रतिभागियों ने सीखा कि शांति की वकालत करने और सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में अपनी कलात्मक प्रतिभा का उपयोग कैसे किया जाए। छात्रों ने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) -16 यानी शांति, न्याय और मजबूत संस्थानों पर विचार-विमर्श किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया

समापन समारोह में विद्यालय के विद्यार्थियों ने शास्त्रीय नृत्य का सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जिसे देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये। दक्षिण एशिया के लिए यूएनओडीसी क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय प्रतिनिधि मार्को टेक्सेरा ने मुख्य अतिथि के रूप में समापन समारोह की शोभा बढ़ाई। इस सहयोग और कार्यशाला की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “यह सनावर-यूएनओडीसी साझेदारी एसडीजी 16 का सच्चा कार्यान्वयन है। यूएनओडीसी हिंसा, न्याय और असमानताओं से मुक्त एक बेहतर दुनिया की मांग करने वाले छात्रों की आवाज को बढ़ाने के लिए ईमानदार प्रयास करेगा। ” सम्मानित अतिथि एनसीईआरटी के अंतर्राष्ट्रीय संबंध प्रभाग में कार्यरत सत्य भूषण थे।

भूषण ने कहा, “एनसीएफ शिक्षा में कला को एक शिक्षाशास्त्र के रूप में निर्धारित करता है जो शांति, न्याय और मजबूत संस्थान वाले विश्व के लिए एक दृष्टिकोण बनाने और एक मिशन शुरू करने में काफी मदद करेगा।” समर्थ पाठक, संचार अधिकारी (दक्षिण एशिया और अर्जुन कोचर( भारतीय शास्त्रीय संगीत की श्रेणी में भारत सरकार के वरिष्ठ साथी) ने विशिष्ट अतिथिके रूप में शिरकत किया ।