संवाददाता

पुस्तकालयों को अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए नई तकनीकों को अपनाना होगा

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सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी की सत्यानंद स्टोक्स लाइब्रेरी ने आज विश्वविद्यालय परिसर में लाइब्रेरियन दिवस और सत्यानंद स्टोक्स की जयंती मनाई।

यूनिवर्सिटी लाइब्रेरियन डॉ. केके रैना ने बताया कि लाइब्रेरियन दिवस 12 अगस्त को डॉ. एस रंगनाथन की याद में मनाया जाता है, जिन्हें भारत में लाइब्रेरी विज्ञान का जनक माना जाता है। विश्वविद्यालय ने दोनों दिग्गजों को सम्मानित करने के लिए 16 अगस्त को सत्यानंद स्टोक्स की जयंती के साथ इसे मनाने का फैसला किया। विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का नाम सत्यानंद स्टोक्स के नाम पर रखा गया है, जिन्हें हिमाचल में सेब की खेती का श्रेय दिया जाता है।

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इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने भारत में पुस्तकालय विज्ञान के उत्थान में भूमिका और पुस्तकालयों के लिए कई प्रोटोकॉल, जिनका पालन आज भी किया जाता है और आज भी प्रासंगिक हैं, तैयार करने के लिए डॉ. रंगनाथन को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने अमरीका में जन्मे सत्यानंद स्टोक्स को भी याद किया, जिन्होंने पहाड़ के लोगों और संस्कृति के साथ-साथ हिंदू धर्म को अपनाया और सेब की कई किस्मों को हिमाचल में लाकर पहाड़ी लोगों की आर्थिक समृद्धि की राह बनाई।

प्रोफेसर चंदेल ने कहा कि पुस्तकालय किसी भी शैक्षणिक संस्थान के विकास का अभिन्न अंग है, लेकिन तेजी से बदलती तकनीक के साथ यह महत्वपूर्ण हो गया है कि पुस्तकालय समय के साथ विकसित हो। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकियों ने किसी को भी एक क्लिक पर सब कुछ उपलब्ध करवा दिया है। यह पुस्तकालयों के लिए एक चुनौती है कि पाठकों की बदलती जरूरतों को पहचान कर उन्हें पुस्तकालय में आने के लिए प्रेरित करने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने पुस्तकालय में सत्यानंद स्टोक्स द्वारा लिखे और उनसे जुड़े साहित्य के लिए एक सेक्शन समर्पित करने का भी आग्रह किया।

विश्वविद्यालय के संस्थापक लाइब्रेरियन डॉ. एएस चंदेल ने ग्रीन और डिजिटल लाइब्रेरी की अवधारणा के बारे में बात की और बताया कि इसे विश्वविद्यालय में कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने डॉ. एस रंगनाथन के जीवन की कुछ घटनाएं भी बताईं और बताया कि कैसे उन्होंने भारतीय पुस्तकालय प्रणाली को विश्व मानचित्र पर रखा। डॉ. एम॰एस॰ पठानिया ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय सत्यानंद स्टोक्स को श्रद्धांजलि के रूप में एप्पल पर एक राष्ट्रीय सूचना केंद्र स्थापित करने पर कार्य कर सकता है। सहायक लाइब्रेरियन सुषमा शर्मा ने डॉ. रंगनाथन और सत्यानंद स्टोक्स के जीवन पर विस्तृत जानकारी दी और सहायक लाइब्रेरियन पारुल नंदल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सभी वैधानिक अधिकारी, विभागाध्यक्ष, पूर्व पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. योग राज शुक्ला एवं पूर्व सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. सुधीर गुप्ता उपस्थित रहे।  यह कार्यक्रम NAHEP IDP द्वारा प्रायोजित था।