नौणी विश्वविद्यालय के 120 छात्रों ने सात दिवसीय NSS शिविर में भाग लिया

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By Hills Post

सोलन: डॉ. यशवंत  सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी द्वारा आयोजित सात दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस.) विशेष शिविर आज ग्राम पंचायत कोटला पंजोला में संपन्न हुआ। शिविर में बीएससी बागवानी और वानिकी कार्यक्रम के तीसरे वर्ष के 120 छात्रों ने भाग लिया। पूरे सप्ताह, छात्रों ने विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया और  स्थानीय ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ समुदाय में योगदान दिया।

उद्घाटन समारोह में ब्रह्माकुमारी संगठन की बहन अंबिका और बहन प्रीति, छात्र कल्याण डीन डॉ. केके रैना और पंचायत प्रधान हेमराज कश्यप उपस्थित थे। इस अवसर पर आध्यात्मिक जागृति और आत्म-बोध पर एक भाषण दिया गया जिसमें व्यक्तिगत विकास पर आत्मनिरीक्षण और आत्म-जागरूकता के परिवर्तनकारी प्रभाव पर जोर दिया गया।

शिविर के दौरान, एन. एस. एस.  स्वयंसेवकों ने व्यापक स्वच्छता अभियान में भाग लिया, स्थानीय जल निकायों, मंदिर परिसर और पंचायत क्षेत्र के साथ-साथ कालाघाट से डोलांजी मोनास्टरी तक की सड़क की सफाई की। स्वयंसेवकों ने राष्ट्रीय युवा दिवस भी मनाया, साथ ही ब्रह्मकुमारियों ने छात्रों के बीच नशा मुक्त भारत अभियान के बारे में जागरूकता बढ़ाई। उन्होंने इस विषय पर एक नाटक प्रस्तुत किया और छात्रों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में डोलांजी मोनास्टरी का दौरा और कोटला पंजोला से गदासर तक एक पैदल मार्ग का निर्माण भी शामिल था। इसके अतिरिक्त, छात्रों ने विकसित भारत पर एक सर्वेक्षण किया और ग्रामीणों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया ।

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NSS camp

बुधवार को आयोजित समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में वानिकी महाविद्यालय और बागवानी महाविद्यालय के डीन डॉ. सीएल ठाकुर और डॉ. मनीष शर्मा उपस्थित थे। डॉ. केके रैना और पंचायत प्रधान हेमराज कश्यप सम्मानित अतिथि रहे। डॉ. ठाकुर और डॉ. शर्मा ने सामुदायिक सेवा के महत्व पर जोर दिया और स्वयंसेवकों को समाज में योगदान जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। पंचायत प्रधान और स्थानीय ग्रामीणों ने भी एन. एस. एस.  स्वयंसेवकों के प्रयासों की सराहना की।

डॉ. रैना ने छात्रों के समर्पण की सराहना की और उन्हें शिक्षा और सामाजिक सेवा दोनों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने समग्र विकास को बढ़ावा देने में एन. एस. एस. की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। शिविर का संचालन विश्वविद्यालय के एन. एस. एस. कार्यक्रम अधिकारियों डॉ. मीनू गुप्ता, डॉ. अनिता कुमारी, डॉ. चंद्रेश गुलेरिया, डॉ. रोहित हेट्टा और डॉ. सुनील मारपा द्वारा किया गया।

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