सिरमौर की लोक कथाएं और गाथाएं सांस्कृतिक कार्यक्रम का संगड़ाह में सफल आयोजन

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नाहन : संगड़ाह से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित 10+2 विद्यालय लुधियाना में हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी, शिमला के सौजन्य से 4 और 5 अक्तूबर को “सिरमौरी लोक कथाएं तथा गाथाएं” सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का आरंभ लोक कथाओं और गाथाओं पर एक विचार गोष्ठी से हुआ, जिसमें के.एस. नेगी ने सिरमौर की दो प्रमुख लोक कथाएं, क्रमशः “सात भाई और हेड़ी (डायन)” और “सुखसैली ठग,” विद्यार्थियों के साथ साझा कीं। इसके बाद सिरमौर की लोक गाथा “नेगी नोतीराम ठिडाऊं व सिंगटोऊ, ठुण्डू, कमरूऊ, जबाऊ और थबोऊ” पारंपरिक गायन शैली में प्रस्तुत की गई। साथ ही दिनेश शर्मा (संगीत प्रवक्ता) ने “सहीराम गराड़ी, छीचा-कालपेऊ, होकू सिगंटा” की प्रसिद्ध हारूल प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

sirmour ki lok gathday

ग्राम पंचायत प्रधान विक्रम ठाकुर ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, जबकि अध्यक्षता सिम्पल ठाकुर ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में स्वंयसेवी हीरापाल शर्मा उपस्थित रहे। विद्यालय की एनएसएस छात्राओं ने स्वागत गीत और नशा विरोधी सामूहिक गान प्रस्तुत किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

के.एस. नेगी ने “नेगी नोतीराम ठुण्डू-कमरूऊ” की लोक गाथा प्रस्तुत की। दिनेश शर्मा और अजय ठाकुर ने “आईंदा तेरे गांव खे शांगरी भरतहरी, बीषु खे जाणा रे” गाथाएं प्रस्तुत कीं, वहीं जोगेंद्र चौहान ने “भादरी प्रेम गीत” गाकर दर्शकों की वाहवाही लूटी। कार्यक्रम के दौरान एसएमसी सदस्य, पंचायत सदस्य और लगभग 300 दर्शक उपस्थित रहे।

अंत में, विद्यालय के छात्रों द्वारा लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया, और एसएमसी अध्यक्ष सिम्पल ठाकुर ने सभी दर्शकों का धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।