सोलन: सिरमौर कल्याण मंच सोलन ने सिरमौर जिला के डांडा आंज गांव निवासी मनोज चौहान को आईएएस बनने पर बधाई दी है। इससे सिरमौर जिला में आईएएस अधिकारियों की फेहरिस्त में एक नया नाम जुड़ गया है। इससे पूरे सिरमौर जिला में खुशी की लहर है।
सिरमौर कल्याण मंच सोलन के प्रधान बलदेव चौहान, वरिष्ठ उपप्रधान प्रदीप मंमगाई व पदम पुंडीर, महासचिव डॉ, रामगोपाल शर्मा, वरिष्ठ सदस्य कंवर वीरेंद्र सिंह, डॉ. एसएस परमार, सुरेंद्र परमार, रमेश शर्मा, जोगिंद्र चौहान, बीआर शर्मा, नरेंद्र चौहान, अजय भारद्वाज, नवीन निश्चल शर्मा, अजय कंवर, विनय भगनाल, यशपाल कपूर, दर्शन सिंह पुंडीर, सुखदर्शन ठौकुर, जयचंद शर्मा, राजेंद्र शर्मा, केआर कश्यप, सतपाल सिंह ठाकुर, मनोज पुंडीर समेत सभी सदस्यों ने इस उपलब्धि के लिए मनोज चौहान को बधाई दी है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
यदि कोई भी लक्ष्य निर्धारित करके उस पर कार्य करें तो सफलता उसका आवश्य वरण करती है। इसका प्रमाण है मनोज चौहान। मनोज चौहान गिरिपार क्षेत्र के दुर्गम क्षेत्र आंज भोज के रहने वाले हैं। चौहान ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर हिमाचल प्रदेश में प्रशासनिक सेवाओं में प्रदेश के युवाओं के लिए मिसाल कायम की है। मनोज चौहान हिमाचल प्रदेश के पहले ऐसे एचएएस अधिकारी रहे, जिन्होंने सरकारी प्राइमरी स्कूल में हिन्दी मीडियम से शिक्षा ग्रहण की और एचएएस परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त किया। चौहान 2003 बैच के एचएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने सामान्य श्रेणी में इस परीक्षा में टॉप किया था। अब उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस ) के लिए हुआ है।
मनोज चौहान का जन्म पांवटा साहिब तहसील के गांव डांडा आंज में जेबीटी टीचर गंगा राम चौहान और स्वर्गीय शांति देवी चौहान के घर 1 फरवरी 1973 को हुआ। प्रारंभिक शिक्षा प्राइमरी स्कूल खोदरी माजरी से हुई। इस स्कूल में भी यह स्कूल में टॉप करता रहा। आगे की स्कूली शिक्षा उत्तराखंड के डाक पत्थर में हुई।? यहां से इंटर मीडिएट की परीक्षा पास करने के लएि डीबीएस कॉलेज देहरादून से बीएससी की। इसके बाद डीएवी देहरादून से एलएलबी की परीक्षा पास की। उनकी शिक्षा का रथ यहां भी नहीं रूका और कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी से एलएलएम की डिग्री हासिल की।
अपनी सारी एजूकेशन प्रथम श्रेणी में पास की। इसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस का सपना संजोया और इसके लिए इलाहाबाद में कृष्णा कोचिंग सेंटर से आईएएस की कोचिंग ली। यहां कोचिंग के दौरान उन्होंने पीसीएस परीक्षा पास की, लेकिन सिलेक्शन नहीं हुआ। मनोज कहां हार मानने वाले थे, फिर लखनऊ में फिर कोचिंग ली और इसी दौरान हाईकोर्ट शिमला में वकालत करने की सोची। हिमाचल आकर 2001 में एचएएस परीक्षा दी, लेकिन सिलेक्शन नहीं हुआ। 2003 में फिर से पूरी तैयारी के साथ परीक्षा दी और टॉप किया। 2006 में उनकी शादी पवना चौहान से हुई। उनके पास एक बेटा और एक बेटी है और मनोज चौहान वर्तमान में सोलन में रहते हैं।