शिमला: राज्यपाल व जेपी सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति शिव प्रताप शुक्ल ने आज जिला सोलन के वाकनाघाट स्थित जेपी विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने डिग्री हासिल करने वाले विद्यार्थियों से निरंतर बदलाव के दौर में कौशल और ज्ञान के समावेश से देश के विकास में अपना अहम योगदान सुनिश्चित करने का आह्वान किया। राज्यपाल ने वर्ष 2015-2020 के दौरान एम. टेक, एम. फार्मा, बी.टेक और बी.फार्मा पाठ्यक्रमों में उच्च सीजीपीए हासिल करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया।
शिव प्रताप शुक्ल ने विद्यार्थियों से कहा कि उनकी सफलता में उनके परिजनों, मार्गदर्शकों और शिक्षकों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह एक संस्कार है जहां एक अध्याय के समाप्त होने के साथ ही दूसरा अध्याय शुरू हो जाता है और इस अध्याय में असीमित संभावनाएं हैं। यह अध्याय जीवन की एक नई दिशा तय करता है। उन्होंने कहा कि भारत में इस समय कृत्रिम मेधा, डाटा साइंस, मशीन लर्निंग के क्षेत्रों में निरंतर नवाचार हो रहे हैं। यह तकनीक का एक नया युग है। इस प्रगति से औद्योगिक क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आ रहे हैं और रोजगार सृजन में भी काफी मदद मिल रही है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि तकनीक के इस युग का भरपूर लाभ उठाएं और देश को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर करने में अपना अहम योगदान दें।
राज्यपाल ने कहा कि तकनीक और इंजीनियरिंग राष्ट्र निर्माण के महत्वपूर्ण अंग हैं। इंजीनियर और वैज्ञानिक आधुनिक समाज, नवाचार और नए समाधानों के निर्माता हैं जो समुदाय की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अपने ज्ञान और कौशल से सकारात्मक बदलाव लाएं और सतत विकास को प्रोत्साहित करते हुए एक समावेशी समाज का निर्माण करें। शिव प्रताप शुक्ल ने विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि इस संस्थान ने आधुनिक दुनिया की जटिलताओं से निपटने के लिए विद्यार्थियों को सक्षम बनाया है और उत्कृष्टता का यह क्रम आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि संस्थान की परंपरा को इसके गर्व, सिद्धांतों और मूल्यों के साथ आगे बढ़ाएं और संस्थान से मिले ज्ञान के लिए हमेशा इसके आभारी रहें क्योंकि यहीं से विद्यार्थी के जिम्मेदार नागरिक बनने और बेहतर जीवन जीने की शुरूआत होती है।
इससे पूर्व, जेपी सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति मनोज गौड़ ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि नेल्सन मंडेला के विचार ‘‘शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसे आप दुनिया को बदलने के लिए उपयोग कर सकते हैं’’ को अंगीकार कर हम विश्व में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को भौतिक सुख-सुविधा और पेशेवर जीवन में सफलता अर्जित करने तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। विद्यार्थियों को अन्यों के जीवन में सकारात्मक बदलाव और इतिहास पर अंकित होने वाले कार्यों से अपनी सफलता को आंकना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को अनुशासन में रहने, भगवत गीता को आत्मसात करने और जीवन के अनुभव ग्रहण करने का सुझाव दिया।
जेपी सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति आर.के. शर्मा ने राज्यपाल का स्वागत किया और विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों को इस विश्वविद्यालय को विश्वस्तरीय बनाने में दिए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। विश्वविद्यालय को 26 अप्रैल, 2024 को पांच वर्षों के लिए नैक से ए-प्लस ग्रेड, क्यूएस एशियाई यूनिवर्सिटी-2024, टाईम्स हायर एजुकेशन द्वारा वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में प्रतिष्ठित स्थान और विभिन्न पैंटेंट्स, प्रकाशनों, कार्यक्रमों तथा अन्य शैक्षणिक एवं अनुसंधान उपलब्धियां हासिल हैं।
इसके उपरान्त, राज्यपाल की गरिमापूर्ण उपस्थिति में कुलपति डॉ. आर.के. शर्मा ने 3,125 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान कीं। उन्होंने धन्यवाद प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा, सोलन के उपायुक्त मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह, जेआईआईटी के प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. एस.सी. सक्सेना, पंजीयक एवं डीन ऑफ स्टूडेंट्स मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) राकेश बस्सी, शासकीय एवं अकादमिक परिषद के सदस्य, अतिथि, अभिभावक और विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।