नाहन : उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सिरमौर प्रियंका वर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून हिमाचल प्रदेश में सक्रिय हो गया है और सिरमौर जिला विभिन्न प्रकार की आपदाओं के लिए अति संवेदनशील है।
उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम के दौरान जिला में भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाएं हो सकती हैं। नदियों में डूबने की अप्रिय घटनाएं रोकने के लिए सभी नागरिकों को चेतावनी दी है कि वह नदियों, खड्डों और नालों के समीप जाने से बचें और इनमें तैरने, नहाने, कपड़े धोने और अन्य गतिविधियों से भी परहेज करें।

उन्होंने जिला वासियों से आग्रह किया है कि बरसात के मौसम में नदी-नालों और भूस्खलन वाले इलाकों में अनावश्यक यात्रा करने से बचें और खराब मौसम की पूर्व जानकारी के लिए सचेत और दामिनी ऐप डाउनलोड करें।
पर्यटकों के लिए परामर्श :-
उपायुक्त एवं अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सिरमौर ने मानसून सीजन के दौरान जिला का दौरा करने वाले पर्यटकों के लिए परामर्श जारी करते हुए उन्हें भूस्खलन, अचानक बाढ़ और अन्य प्राकृतिक खतरों के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी है।
उन्होंने पर्यटकों से आग्रह किया कि वे मौसम की जानकारी रखें, बरसात के समय में नदी नाले एवं पहाड़ की ऊंची चोटियों में जाने से बचें तथा स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
उपायुक्त के उपमंडलाधिकारियों को निर्देश :-
उपायुक्त ने सभी उपमंडलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में झुग्गी बस्तियों, खनन गतिविधियों, अस्थायी आश्रयों और अनाधिकृत संरचनाओं में रहने वाले लोगों की पहचान करें, जो कि नदियों और उनकी सहायक नदियों के पास, विशेष रूप से बाढ़ और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर तुरंत स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
उन्होंने प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि ऐसे क्षेत्रों में कोई भी अस्थायी संरचना न बनाई जाए।
आपातकालीन स्थिति में संपर्क व सहयोग की अपीलः :-
उपायुक्त ने जिला वासियों से आग्रह किया है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में उपायुक्त कार्यालय स्थित आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के निशुल्क दूरभाष नंबर 1077, 112 पर तुरंत सूचना दें। उन्होंने सभी जिला वासियों से इस संदर्भ में सहयोग करने की अपील की है और जिला की सभी ग्राम पंचायतों, स्कूलों एवं अन्य शिक्षण संस्थानों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करें और सतर्कता बनाए रखें।