नाहन : ऐतिहासिक रानीताल बाग अब शांति का प्रतीक नहीं, बल्कि आवारा कुत्तों का अड्डा बन गया है। सोमवार को एक ही दिन में दो बत्तखों को कुत्तों ने बेरहमी से मार डाला। पहली घटना सुबह की है, जब एक मादा बत्तख को नोचकर मौत के घाट उतारा गया। सूत्रों के मुताबिक, यह बत्तख कुछ दिनों बाद अंडे देने वाली थी। इसके बाद मध्यरात्रि 11:30 बजे कुत्तों ने एक और बत्तख को मार डाला। दोनों ही बत्तखों को रानीताल स्टाफ द्वारा रखा गया था।
चारदीवारी से घिरे इस क्षेत्र में कुत्तों का प्रवेश कैसे हो रहा है, यह सवाल भी अनुत्तरित है। लोगों ने नगर परिषद को बार-बार सूचित किया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

सोमवार की दोहरी घटना के बाद कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, “मैं कल राजगढ़ से लौटा हूँ। आज मैं मौके का मुआयना करूँगा, कर्मचारियों से जवाब माँगूगा और स्थायी हल निकाला जाएगा।” मगर लोगों का कहना है कि ये सिर्फ़ आश्वासन हैं, और धरातल पर कोई बदलाव नहीं दिख रहा।
रानीताल बाग नाहन का एक लोकप्रिय और खूबसूरत स्थल है, जहाँ बच्चे, बुजुर्ग और पर्यटक सुकून के लिए आते हैं। लेकिन आवारा कुत्तों की मौजूदगी ने यहाँ डर का माहौल बना दिया है।
लोग माँग कर रहे हैं कि रानीताल में कुत्तों की आवाजाही पर रोक लगे और बत्तखों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। मालियों की भूमिका और चारदीवारी के बावजूद कुत्तों के प्रवेश पर सवाल उठ रहे हैं। अब सबकी नजरें नगर परिषद पर हैं कि वह इस संकट का स्थायी समाधान निकाल पाती है या नहीं। कार्यकारी अध्यक्ष के दौरे के बाद प्रशासन कितनी गंभीरता दिखाता है, यह देखना बाकी है। तब तक रानीताल के बत्तख और यहाँ आने वाले लोग खतरे में बने रहेंगे।