शिमला: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वह सेवारत शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) की अनिवार्यता संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ एक पुनर्विचार याचिका दाखिल करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के शिक्षक अनुभवी हैं और उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया गया है, ऐसे में उनकी वर्षों की सेवा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश?
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में कहा था कि जिन सेवारत शिक्षकों की सेवा अवधि 5 वर्ष से अधिक बची है, उन्हें TET पास करना अनिवार्य होगा। वहीं, जिन शिक्षकों की सेवा 5 वर्ष से कम बची है, उन्हें पदोन्नति तभी मिलेगी जब वे TET पास करेंगे, अन्यथा वे बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त होंगे। इस फैसले से देशभर के लाखों शिक्षकों के प्रभावित होने की आशंका है।

हिमाचल कर्मचारी महासंघ ने की पहल की सराहना
उत्तर प्रदेश सरकार के इस कदम का हिमाचल प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ ने स्वागत किया है। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेश कुमार ठाकुर ने इसे एक ऐतिहासिक पहल बताते हुए कहा कि यह शिक्षकों की सेवाओं और भावनाओं का सम्मान करने वाला निर्णय है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की सरकारों को भी शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए ऐसी ही पहल करनी चाहिए।
महासंघ के अन्य पदाधिकारियों ने भी संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कदम देशभर के लाखों शिक्षकों का मनोबल बढ़ाने वाला है।