सोलन: डॉ. यशवंत परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के बागवानी और वानिकी कॉलेज, थुनाग, जिला मंडी सतत भविष्य के लिए स्वदेशी ज्ञान प्रणाली: विकासशील भारत-2047 के लिए एक रोडमैप विषय पर 13-14 फ़रवरी को राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा। यह कार्यक्रम इंडियन इकोलॉजिकल सोसाइटी, लुधियाना के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है और इसे JICA के साथ-साथ इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च विजन विकसित भारत @2047 द्वारा प्रायोजित किया गया है।
धर्मपुर के विधायक चंद्रशेखर, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी डॉ. आचार्य बालकृष्ण (वर्चुअल) और पद्मश्री नेक राम शर्मा सहित कई प्रमुख वक्ता इस सम्मेलन में शामिल होंगे जो सम्मेलन के दौरान मुख्य व्याख्यान देंगे। यह सम्मेलन पांच प्रमुख विषयों पर केंद्रित होगा: विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वदेशी ज्ञान प्रणाली, बागवानी और वानिकी, प्राकृतिक खेती एवं आयुर्वेद और शिल्प कौशल और आयुर्वेदिक अभ्यास।
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इसके अतिरिक्त, छह तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनकी अध्यक्षता विभिन्न संस्थानों के प्रतिष्ठित शिक्षाविद करेंगे। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना (वर्चुअल), वन कॉलेज एवं अनुसंधान संस्थान, मेट्टुपालयम, तमिलनाडु और एचपी JICA वानिकी परियोजना, शिमला जैसे संस्थानों के विशेषज्ञ भी अपने विचार रखेंगे। सम्मेलन में 8 राज्यों के 132 प्रतिनिधि भाग लेंगे, जो 17 विश्वविद्यालयों, अनुसंधान स्टेशनों और 4 राष्ट्रीय संस्थानों का प्रतिनिधित्व करेंगे।