सोलन: राज्य शैक्षिक एवं अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (SCERT) सोलन की ओर से पर्यावरण जागरूकता पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश के 40 प्रवक्ताओं ने भाग लिया। SCERT सोलन के प्रिंसिपल प्रो. हेमंत कुमार ने कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न गतिविधियों के द्वारा पर्यावरण को कैसे पाठ्यचर्या में शामिल किया जा सकता है उस पर खास फोकस रहा। अलग-अलग विषय के प्रवक्ताओं ने इस पर प्रभावी तथा व्यवहारिक प्रस्तुतियां दी।
पर्यावरण जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम में विमर्श के विषयों में पर्यावरण और विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने वाली अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्था सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट दिल्ली के दो विशेषज्ञ नीरज कुमार और साक्षी उनियाल -जलवायु परिवर्तन के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य : हिमाचल विशेष के संदर्भ में तथा सतत विकास लक्ष्य, भारत में पर्यावरण शिक्षा : विहंगम दृष्टि एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या 2023, ग्रीन स्कूल कार्यक्रम : हिमाचल विशेष के सम्बन्ध में तथा स्कूलों में सतत आत्मनिर्भरता पर चर्चा की।
जेडएसआई सोलन के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कमल सैनी-जैव विविधता संरक्षण तथा डॉ. धीरेंद्र पठानिया -प्राकृतिक आपदाओं से हिमाचल में पर्यावरण संरक्षण के खतरे तथा इस पर एक केस स्टडी और कुछ स्थायी समाधान विषय, अर्थ जस्ट से अभिषेक तनेजा और सुभाश्री अग्रवाल – ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, पृथकीकरण तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम -2016 पर तथा ई-कचरा प्रबंधन पोक्सो एक्ट एवं नशा विमुक्ति विषय पर मनीष तोमर ने अपना संवाद रखा।
ये रहा उदेश्य
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद सोलन में पर्यावरण जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. राम गोपाल शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण चिंतन, शिक्षण, व्यवहार तथा जागरूकता के विभिन्न नवीनतम विमर्शों एवं उसको कैसे छात्रों तथा समुदाय के मध्य ले जाना है। प्रतिभागी प्रवक्ताओं द्वारा तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पर संयुक्त रूप से तैयार रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। प्रशिक्षण कार्यक्रम के उप-समन्वयक अनिल चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया।