पंकज जयसवाल

नाहन में सब्जियों के दामों ने बिगाड़ा थाली का स्वाद, प्याज लगा रुलाने

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नाहन: बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की थाली से स्वाद ही छीन लिया है। सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने लोगों की जेबों पर भारी असर डाला है। मटर, जो पहले 40-50 रुपये प्रति किलो मिलती थी, अब 120 से 140 रुपये प्रति किलो बिक रही है। इसी तरह, टमाटर के दामों में भी बड़ा उछाल आया है, जो अब 60 से 80 रुपये प्रति किलो के बीच बिक रहा है। प्याज भी 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है, जो रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा, फूलगोभी 80 रुपये, पत्ता गोभी 50 रुपये, और शिमला मिर्च 60 से 80 रुपये प्रति किलो बिक रही है। फ्रासबीन की कीमत भी 80 रुपये प्रति किलो के आसपास है, जबकि कागजी नींबू 160 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। ये बढ़ती कीमतें जनता को बेहद परेशान कर रही हैं।

सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि नाहन के विभिन्न क्षेत्रों में सब्जियों की कीमतों में बड़ा अंतर है। उदाहरण के लिए, बड़ा चौक में करेला, भिंडी और लोकी जैसी सब्जियां 40 रुपये प्रति किलो बिक रही हैं, जबकि दिल्ली गेट पर यही सब्जियां 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी हैं। यह कीमतों का असमान वितरण लोगों को और भी ज्यादा असमंजस में डाल रहा है। कई दुकानदारों ने मूल्य सूची नहीं लगाई है, जिससे ग्राहकों को सही कीमतों का पता नहीं चल पाता। नतीजतन, लोग सब्जियों के दाम पूछकर खरीदारी करने से बच रहे हैं, क्योंकि महंगाई के कारण सब्जियां खरीदना उनकी पहुंच से बाहर हो गई हैं।

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स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि आने वाले दिनों में प्याज और आलू के दामों में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। नवरात्रों के दौरान आलू की मांग तेजी से बढ़ जाती है, क्योंकि व्रत रखने वाले लोग आलू का अधिक सेवन करते हैं। इसके चलते आलू की कीमतें और बढ़ने की संभावना है। आने वाले त्योहारों के सीजन में यह महंगाई और अधिक बढ़ सकती है।

महंगाई के कारण लोग सब्जियों की मात्रा में कटौती करने को मजबूर हो रहे हैं, जिसका सीधा असर उनके खानपान पर पड़ रहा है। नया बाजार निवासी विशाल गौतम का कहना है कि अलग-अलग दुकानों पर सब्जियों के अलग-अलग दाम वसूले जा रहे हैं, और प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। वहीं, रामकुंडी निवासी विकास चौहान ने बताया कि उनकी कमाई स्थिर है, लेकिन महंगाई आसमान छू रही है, जिससे घर चलाना मुश्किल हो गया है। रानीताल की मोनिका ने कहा कि महंगाई के चलते जीवन यापन मुश्किल हो गया है, और अब उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा सिर्फ रसोई पर खर्च हो रहा है।

आम लोगों की मांग है कि प्रशासन सब्जियों के दामों पर नियंत्रण लगाए और सुनिश्चित करे कि हर दुकान पर उचित मूल्य सूची हो, ताकि इस महंगाई से राहत मिल सके।