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गुरुकुल स्कूल सोलन में CBSE द्वारा “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन क्लासरूम” विषय पर कार्यशाला 

सोलन: गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सोलन में एक दिवसीय क्षमता निर्माण प्रोग्राम के तहत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बारे में सिखाया गया। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों के रूप में राजेश वर्मा जो वर्तमान में एम.आर.ए.डी.ए.वी. सोलन में टी.जी.टी. कंप्यूटर साइंस के रूप में कार्यरत हैं।  वह डी.ए.वी. कैडर के मास्टर ट्रेनर हैं। वे एस.सी.ई.आर.टी.सोलन में एक संसाधन व्यक्ति भी हैं।

दूसरे विशेषज्ञ निखिल शर्मा रहे। उन्हें आई. टी. के क्षेत्र में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे वर्तमान में एक प्रशिक्षक और डेटा वैज्ञानिक के रूप में फ्रीलांसर हैं। कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद स्कूल की प्रधानाचार्या डॉ. लखविंदर कौर अरोड़ा ने विशेषज्ञों का ग्रीन वैलकम किया। 

gurukul ai workshop

कार्यशाला में AI क्या है, और इसका विकास कैसे हुआ? मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग के मूल सिद्धांत और उपयोग। AI का व्यावसायिक अनुप्रयोग, विभिन्न उद्योगों में AI का उपयोग। भविष्य की तकनीकें, आने वाले समय में AI में संभावित बदलाव के बारे में बताया। विशेषज्ञों ने AI की कई विशेषताओं के विषय में बताया । इसके साथ-साथ शिक्षकों की कार्यभार को कम करने में मदद कर सकती हैं। इस दौरान कई गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षकों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया।

इस कार्यशाला का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों, अनुप्रयोगों और अनुसंधान प्रवृत्तियों के बारे में जागरूक करना तथा ज्ञान का आदान-प्रदान, प्रतिभागियों को AI के बारे में नवीनतम जानकारी और अनुसंधान के निष्कर्षों से अवगत कराना था। प्रतिभागियों को सत्रों के दौरान वक्ताओं से सीधे सवाल पूछने और चर्चा करने का अवसर मिला। इस प्रकार के संवाद ने उन्हें नए दृष्टिकोण और जानकारी प्राप्त करने में मदद की।

प्रतिभागियों ने कार्यशाला में विभिन्न प्रयोगात्मक गतिविधियों में भी भाग लिया, जैसे कि समूह कार्य, केस स्टडी विश्लेषण और प्रोजेक्ट पर चर्चा। इन गतिविधियों ने उन्हें सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक रूप में लागू करने का अवसर प्रदान किया। डॉ. लखविंदर कौर अरोड़ा ने कहा कि, यह एक विलक्षण कार्यशाला थी और इस तरह के अध्यापन संबंधी रोचक कार्यक्रम का आयोजन करना निश्चित रूप से शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रति शिक्षित करेगा। यह कार्यशाला शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे वे तकनीकी कौशल में वृद्धि कर सकते हैं।