सोलन में “स्कूल टू वर्क ट्रांजिशन” विषय कार्यशाला आयोजित

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By Hills Post

सोलन: हिमाचल प्रदेश सरकार एन.एस.क्यू.एफ. (National Skills Qualifications Framework ) प्रोग्राम के तहत स्कूलों में बच्चों को व्यावसायिक  शिक्षा प्रदान कर रही है, जिससे कि वे रोजगार हासिल करने के काबिल बन सके। प्रदेश में स्कूली स्तर पर व्यावसायिक शिक्षा को किस तरह से ज्यादा प्रभावकारी तरीके से लागू किया जा सकता है, इसको लेकर समग्र शिक्षा  की ओर से एक दिन की कार्यशाला का आयोजन सोलन में किया गया। 

“स्कूल टू वर्क ट्रांजिशन”  विषय पर आयोजित इस एक दिवसीय कार्यशाला में वोकेशनल एजुकेशन के स्टेट नोडल अधिकारी दिनेश स्टेटा ने विश्व बैंक और बोस्टन ग्रुप से आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया।  कार्यशाला में मुख्य रूप से विश्व बैंक की प्रतिनिधि सारा व रेखा मेनन,  बोस्टन कंस्लटिंग ग्रुप के सिद्धांत व भाविनी, डीपीओ सोलन शिव कुमार  शामिल रहे। इस कार्यशाला में समग्र शिक्षा के वोकेशनल कोऑर्डिनेटर, जिलों के व्यावसायिक शिक्षा कोऑर्डिनेटर और वीटीपी कोऑर्डिनेटर मौजूद रहे।

हिमाचल व्यवसायिक शिक्षा लागू करने वाला  अग्रणी राज्य

इस मौके पर वोकेशनल एजुकेशन के स्टेट नोडल अधिकारी दिनेश स्टेटा ने कहा है कि हिमाचल देश में व्यावसायिक शिक्षा लागू करने वाला अग्रणी राज्य है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के मुताबिक 2025 तक देश में 50 फीसदी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा लागू करना अनिवार्य गया है, जबकि हिमाचल में 61 फीसदी स्कूलों में इसे लागू किया कर दिया गया है।  यही नहीं हिमाचल एक ऐसा राज्य है,  जिसने एनएसक्यूएफ प्रोग्राम को हब एंड स्पोक मॉडल  और प्री वोकेशनल एजुकेशन के माध्यम से भी चलाया है।

उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य स्किल गैप एनालिसिस के आधार पर  स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा के कोर्सो का चयन करना है। इसके माध्यम से यह भी देखा जाएगा कि बोस्टन ग्रुप द्वारा स्किल गैप असेसमेंट की रिपोर्ट में पाई गई त्रुटियों को कैसे दूर कर वोकेशनल एजुकेशन की आगामी प्लानिंग को किस तरह से प्रभावी बनाया जा सके।

इस कार्यशाला में बोस्टन ग्रुप के प्रतिनिधियों ने स्किल गैप असेसमेंट रिपोर्ट को विस्तार से प्रतिभागियों के समक्ष रखा,  ताकि आगामी प्लानिंग बनाते समय   जिला संबंधित आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर नए जाब रोल और वोकेशनल ट्रेड प्रस्तावित किए जा सके।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा 1324 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जा रही है,  जिसमें करीब 98 हजार बच्चे अध्ययनरत हैं, जबकि वर्ष 2024-25 से 444 अतिरिक्त  स्कूलों में भारत सरकार द्वारा वोकेशनल एजुकेशन की अप्रूवल मिल गई है। इस तरह प्रदेश में कुल 1768 स्कूल वोकेशनल एजुकेशन के दायरे में आ गए हैं।

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