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नौणी विश्वविद्यालय ने विश्व खाद्य दिवस मनाया

डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में आयोजित विश्व खाद्य दिवस कार्यक्रम में स्वस्थ भोजन को सभी के लिए सस्ता और सुलभ बनाने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि पौष्टिक भोजन केवल विशेषाधिकार प्राप्त कुछ लोगों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए।

यह कार्यक्रम खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा फूड टेक क्लब, पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना और फंक्शनल फूड एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सहयोग से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल मुख्य अतिथि जबकि पद्मश्री पुरस्कार विजेता नेक राम शर्मा सम्मानित अतिथि और मुख्य वक्ता रहे।

अपने संबोधन में, प्रोफेसर चंदेल ने गेहूं और चावल पर बढ़ती निर्भरता के साथ-साथ मिललेट्स की खेती में कमी आई है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कम पोषण वाली उच्च-इनपुट फसलों की प्राथमिकता बढ़ी है। प्रोफेसर चंदेल ने कहा कि कई बीमारियां जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर खान-पान से जुड़ी हैं। उन्होंने मिल्लेट्स-आधारित उत्पादों के बाजार महत्व को बहाल करने के लिए उनके विकास का आह्वान किया।

Prize winners

इससे पहले, खाद्य विज्ञान विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ. राकेश शर्मा ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और 16 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित विश्व खाद्य दिवस के लिए संदर्भ प्रदान किया। इस वर्ष की थीम, ‘बेहतर जीवन और बेहतर भविष्य के लिए भोजन का अधिकार’ था।

इस अवसर पर विभाग ने पारंपरिक कोल्ड ड्रिंक्स के स्वास्थ्यवर्धक विकल्प के रूप में तीन नए कार्बोनेटेड सेब जूस पेय लॉंच किए। इस कार्यक्रम में छात्रों द्वारा ‘ईट राइट रैली’, नारा लेखन और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगितायां के माध्यम से स्वस्थ भोजन के बारे में जागरूकता फैलाई गई। सेजल ठाकुर ने अपने पोस्टर के लिए पहला पुरस्कार जीता। नव्या शर्मा ने दूसरा स्थान और अक्षिता ठाकुर और छवि तीसरे स्थान पर रहीं। स्लोगन प्रतियोगिता में कृतिका शर्मा ने प्रथम स्थान, अन्वी सूद ने दूसरा और आन्या शर्मा और ईशा शर्मा ने तीसरा स्थान हासिल किया। छात्रों और किसानों द्वारा विकसित मिल्लेट्स और विभिन्न कार्यात्मक खाद्य पदार्थों की प्रदर्शनी लगाई गई।

समारोह में अनुसंधान निदेशक डॉ. संजीव चौहान, डीन बागवानी महाविद्यालय डॉ. मनीष शर्मा, विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. इंद्र देव, प्रगतिशील किसान मनोज शर्मा, ममता वर्मा, विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, कर्मचारी और छात्र उपस्थित रहे।

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