नाहन : टीबी (क्षयरोग) एक घातक संक्रामक रोग है, जो कि माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु की वजह से होती है। टीबी आमतौर पर ज्यादातर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है। यह रोग मुख्यता हवा के माध्यम से फैलता है।
टीबी रोग के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने को लेकर प्रतिवर्ष 24 मार्च को विश्व क्षय रोग (टीबी) दिवस मनाया जाता है। टीबी के विषय में टीबी चैम्पियन अनिल ठाकुर ने बात करते हुए बताया कि मौजूदा समय में टीबी की रोकथाम के लिए पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बीसीजी के टीके की एक डोज दी जाती है। 18 से अधिक उम्र के छह वर्गों के लोगों को बीसीजी के टीके की एक डोज दी जानी है। और क्षय रोग (टीबी) दिवस के अवसर पर उन्होंने खुद भी इसकी डोज ली।
उन्होंने कहा कि हिमाचल के उन सभी लोगों से जो कभी टीबी के साथ जिए हैं और आज टीबी से ठीक हो गए हैं, मेरी उन सभी से विनती है कि वह टीबी को समाज से खत्म करने के लिए हमारा साथ दे। और बीसीजी का टीका खुद लगवाएं। साथ ही साथ टीका लगवाने के लिए और लोगों को भी प्रेरित करें।उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई टीबी मुक्त भारत अभियान से जुड़ना चाहता है तो NTEP और टीबी चैम्पियन से संपर्क कर सकता है। जिससे हम समाज से टीवी को जड़ से मिटा सकें।