नाहन : सरकार की नई क्लस्टर प्रणाली, U-12 खेलकूद प्रतियोगिताओं को बंद करने और अन्य लंबित मांगों को लेकर आज विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर प्राथमिक शिक्षक संघ ने कफोटा उपमंडल मुख्यालय पर एक आक्रोश रैली निकाली। शिक्षकों का विश्व शिक्षक दिवस पर सड़कों पर उतरना अपने आप में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
प्राथमिक शिक्षक संघ ने आरोप लगाया कि 23 सितंबर 2025 को सरकार ने एक अधिसूचना जारी की, जिसके तहत प्राथमिक शिक्षक विंग को उच्चतर विंग के साथ समायोजित करने का निर्णय लिया गया है। संघ का कहना है कि यदि यह क्लस्टर प्रणाली पूर्ण रूप से लागू की जाती है, तो जेबीटी से एचटी, एचटी से सीएचटी और सीएचटी से बीईईओ तक की पदोन्नति स्वतः समाप्त हो जाएगी।

संघ पदाधिकारियों ने कहा कि वर्ष 1980 में प्राथमिक शिक्षक संघ ने अलग निदेशालय की स्थापना करवाकर प्राथमिक विंग को स्वतंत्र दर्जा दिलाया था, लेकिन सरकार ने अब उसे फिर से उच्चतर विंग में समायोजित कर दिया है।
इसके साथ-साथ संघ ने इस बात पर भी रोष जताया कि सरकार ने प्राथमिक स्तर पर U-12 खेलकूद, सांस्कृतिक और ज्ञानवर्धक प्रतियोगिताएं बंद कर दी हैं। संघ का कहना है कि जहां एक ओर सरकार बच्चों के सर्वांगीण विकास की बात करती है, वहीं दूसरी ओर इस तरह की प्रतियोगिताओं को समाप्त कर रही है, जो छात्रों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक हैं।
संघ नेताओं ने यह भी कहा कि सरकार न तो छठे वेतन आयोग का एरियर दे रही है और न ही डाटा एंट्री भत्ता जैसी देनदारियों का भुगतान किया जा रहा है।
प्राथमिक शिक्षक संघ ने याद दिलाया कि शिमला में 42 दिन चले धरने के दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने यह आश्वासन दिया था कि प्राथमिक विंग से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी और U-12 प्रतियोगिताएं पुनः शुरू की जाएंगी, मगर सरकार अब अपने ही वादे से पीछे हट रही है।
इन्हीं सब मुद्दों को लेकर आज प्राथमिक शिक्षक संघ कफोटा व सतौन इकाइयों ने संयुक्त रूप से धरना और रैली का आयोजन किया तथा उपमंडल अधिकारी के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा।
संघ ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया, तो पूरा प्राथमिक वर्ग राज्यव्यापी आंदोलन करेगा और आने वाले चुनावों में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
संघ ने सरकार से मांग की कि वह समय रहते क्लस्टर प्रणाली को वापस ले और प्राथमिक शिक्षकों के साथ संवाद स्थापित कर समन्वय की स्थिति बनाते हुए शिक्षा प्रणाली को मजबूत करे।