कांगड़ा के लिए वरदान साबित होगा सुख की सरकार का पहला बजट

Photo of author

By Hills Post

धर्मशाला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा पेश किया गया व्यवस्था परिवर्तन का पहला बजट जिला कांगड़ा के लिए वरदान साबित होगा। धर्मशाला में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया ने यह शब्द कहे। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव पुनीत मल्ली भी उपस्थित रहे।

केवल सिंह पठानिया ने कहा कि सरकार का पहला बजट मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के जिला कांगड़ा के प्रति स्नेह और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने के मुख्यमंत्री के विजन से जिले में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे।

केवल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट में कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 2000 करोड़ का प्रावधान करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यह पहली सरकार और मुख्यमंत्री हैं जिसने कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए बजट में इतनी अधिक राशि का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा में विश्वस्तरीय हवाई अड्डा बनने से रोजगार, उद्योग, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास के साथ-साथ क्षेत्र की आर्थिकी सुदृढ़ होगी।

Demo ---

उन्होंने कहा कि बड़ा एयरपोर्ट बड़े हवाई जहाजों के साथ बड़े अवसर भी लेकर आयेगा। पठानिया ने कहा कि इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए जिला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने की दिशा में ठोस कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिले में अंतरराष्ट्रीय स्तर का गोल्फ कोर्स, पर्यटक ग्राम, ओल्ड एज होम, आइस स्केटिंग व रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण जिला के लिए विकास के अपार अवसर लेकर आएगा।

उन्होंने कहा कि बनखंडी में 300 करोड़ की लागत से चिड़ियाघर का निर्माण तथा पोंग डैम क्षेत्र में वॉटर स्पोर्टस, शिकारा, क्रूज, यॉट जैसी सुविधाएं क्षेत्र के लोगों के जीवन में समृद्धि लाएगा। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट के माध्यम से हिमाचल को हरित राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश ग्रीन एनर्जी और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में पूरे देश में एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित होगा।

Photo of author

Hills Post

हम उन लोगों और विषयों के बारे में लिखने और आवाज़ बुलंद करने का प्रयास करते हैं जिन्हे मुख्यधारा के मीडिया में कम प्राथमिकता मिलती है ।