शिमला : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम (एचपीकेवीएन) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कौशल विकास की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने निगम को बाजार की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण कार्यक्रम की कार्ययोजना बनाने और उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि युवाओं की क्षमता का निर्माण हो सके और छोटे पैमाने के स्टार्ट-अप स्थापित करने के लिए सहयोग प्रदान किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार निगम के आठ निर्माणाधीन भवनों के निर्माण को पूरा करने के लिए 25 करोड़ रुपये आवंटित करेगी। इन भवनों के निर्माण कार्य को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इनके अधिकतम उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया गया है। उन्होंने निगम को निर्देश दिया कि युवाओं के प्रशिक्षण के लिए निकटवर्ती एचपीकेवीएन भवनों को तकनीकी शिक्षा विभाग को सौंप दिया जाए। इसके अतिरिक्त, निगम ने प्रशिक्षुओं की सुविधा के लिए राज्य में 67 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में उपकरणों के उन्नयन के लिए धन उपलब्ध करवाया है।
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सुक्खू ने बताया कि पहली जनवरी, 2023 से अब तक 38,713 युवाओं को हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम की विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं में नामांकित किया गया है। इनमें से 38,572 को प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र दिए जा चुके हैं और 8,630 प्रशिक्षुओं की प्लेसमेंट हुई है। उन्होंने प्रशिक्षुओं की दक्षता और कार्यकुशलता को बढ़ाने के लिए अधिकारियों को निगम का प्रशासनिक नियंत्रण तकनीकी शिक्षा निदेशक को हस्तांतरित करने की संभावना तलाशने के भी निर्देश दिए।
बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, सचिव संदीप कदम और राखिल काहलों, निदेशक डिजिटल टेक्नोलॉजीज एंड गवर्नेंस डॉ. निपुण जिंदल, प्रबंध निदेशक हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम गंधर्व राठौर और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।