सोलन: अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) सोलन, राहुल जैन ने कहा है कि पत्रकारों को भ्रामक सूचनाओं से बचने के लिए किसी भी खबर को प्रकाशित करने से पहले उसकी सत्यता की जांच कई पक्षों से करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोगों तक केवल सटीक जानकारी ही पहुंचे।
एडीसी राहुल जैन आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आयोजित ज़िला स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस साल के कार्यक्रम का मुख्य विषय ‘बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वसनीयता का संरक्षण’ था, जिस पर कार्यक्रम में विस्तार से चर्चा की गई।

राहुल जैन ने कहा कि प्रेस की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए, पत्रकारों को सटीकता और सच्चाई पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने तथ्य-जांच और निष्पक्ष रिपोर्टिंग को प्राथमिकता देने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को केवल तथ्यों को प्रस्तुत करना चाहिए और गलत सूचना फैलाने से बचना चाहिए।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि भ्रामक सूचनाएं आज दुनिया भर में एक बड़ी समस्या बन गई हैं। उन्होंने कहा कि जब तथ्य और कल्पना के बीच की रेखा धुंधली हो जाती है, तो यह पहचानना मुश्किल हो जाता है कि क्या सच है और क्या झूठ। उन्होंने कहा कि संतुलन बनाए रखने के लिए सटीक जानकारी पहुंचाने के लिए नीतिगत काम करना जरूरी है। उन्होंने मीडिया को लोकतंत्र का आधार बताते हुए कहा कि इसकी विश्वसनीयता बनाए रखना समय की मांग है।
कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ पत्रकारों ने भी भ्रामक सूचनाओं को रोकने के लिए अपने अनुभव और सुझाव साझा किए। पत्रकार यशपाल कपूर ने कहा कि सूचना में सच्चाई होना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसी से लोगों का विश्वास बना रहता है। उन्होंने माना कि वर्तमान में जल्दबाजी के कारण खबर की तथ्यात्मकता कम होती जा रही है, जिससे बचने की जरूरत है।
वहीं, सुखदर्शन ठाकुर ने पत्रकारों को ‘नंबर वन’ आने की होड़ से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यदि हम खुद भ्रामक रहेंगे, तो लोगों तक सूचना भी भ्रामक ही पहुंचेगी। पुनीत वर्मा ने कहा कि ‘ब्रेकिंग न्यूज़’ की दौड़ में खबर की सच्चाई की अहमियत को समझना होगा।
पत्रकार कीर्ति कौशल ने कहा कि सोशल मीडिया समाज में चेतना लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन यह शक्ति भी है और कमजोरी भी। उन्होंने इसके सही इस्तेमाल पर ज़ोर दिया। मोहन चौहान और सौरभ शर्मा ने निष्पक्ष पत्रकारिता और तथ्यों की गहन जांच पर बल दिया। तोमर ठाकुर ने कहा कि नंबर वन बनने की नीति और नकारात्मक खबर से टीआरपी बटोरने की प्रथा को तोड़ना होगा।
इस अवसर पर विभिन्न समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के ब्यूरो प्रमुख, संवाददाता और ज़िला लोक संपर्क अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी उपस्थित थे।