नाहन : हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ ने स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के तहत कार्यरत अध्यापकों को लेकर राज्य सरकार से एक साथ नियमितीकरण की मांग की है। संघ का कहना है कि पिछले 10–12 वर्षों से प्रदेश के जनजातीय, दुर्गम एवं अन्य क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे एसएमसी अध्यापकों के साथ अन्याय किया जा रहा है।
संघ के राज्य चेयरमैन सुरेंद्र पुंडीर, राज्य विशिष्ट सदस्य नरेंद्र नेगी, जिला अध्यक्ष डॉ. आई.डी. राही, राज्य संरक्षक रमेश नेगी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय शर्मा, महिला विंग सिरमौर अध्यक्ष संध्या चौहान, जिला सिरमौर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा, महासचिव दिनेश शर्मा, कोषाध्यक्ष लाल सिंह ठाकुर सहित राज्य व जिला कार्यकारिणी सदस्यों ने सरकार के हालिया निर्णय पर कड़ी आपत्ति जताई है।

संघ ने कहा कि सरकार द्वारा सीधी सीमित भर्ती (एलटीआर) के माध्यम से एसएमसी अध्यापकों को प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद दो वर्षों का कार्यकाल जॉब ट्रेनिंग के रूप में निर्धारित करना चिंताजनक है। जबकि एसएमसी अध्यापकों की नियुक्तियां वर्ष 2012 तथा 2014–15 में हुई थीं और वे लगातार 10–12 वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं।
संघ का कहना है कि इतने लंबे सेवाकाल के बावजूद अध्यापकों को दो वर्ष और प्रतीक्षा करवाना न केवल अनुचित है, बल्कि यह उनके आर्थिक शोषण को भी दर्शाता है। प्रवक्ता संघ ने सरकार से मांग की है कि एसएमसी अध्यापकों को पैरा व पीटीए अध्यापकों की तर्ज पर एकमुश्त नियमित किया जाए।