शिमला : शनिवार के दिन विधानसभा में भरमौर के बी.जे.पी. विधायक डॉ. जनक राज ने आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय को लेकर तीखा हमला बोला। अपने भावुक और प्रभावशाली वक्तव्य में उन्होंने कहा कि करीब 50 हजार आउटसोर्स कर्मचारियों का भविष्य अंधेरे में डूब चुका है।
डॉ. जनक राज ने कहा, “इन कर्मचारियों को न तो आरक्षण का लाभ मिल रहा है और न ही पेंशन का कोई प्रावधान है। मैंने सरकारी सेवा के दौरान इनकी मुश्किलों को बेहद करीब से देखा है। ये कर्मचारी सच्चे मायनों में देवता हैं, जो कभी बीमार नहीं पड़ते, लेकिन बीमारी में भी काम पर आने को मजबूर हैं। सरकार की ओर से न इन्हे बीमारी के लिए अवकाश मिलता है और न ही आकस्मिक अवकाश का कोई प्रावधान है।”

उन्होंने आगे कहा कि इन कर्मचारियों के भी परिवार हैं, इन्हें भी दुख-दर्द होता है, लेकिन अफसरशाही इनका शोषण करने में पीछे नहीं हट रही। विधायक ने आरोप लगाया कि कर्मचारियों को सर्विस रूल्स का डर दिखाकर दबाया जा रहा है, जबकि वास्तव में कोई सर्विस रूल इन पर लागू ही नहीं होता। उन्होंने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा, “पूर्व में एक ठेकेदार ने मुझे ऑफर दिया था कि दो कर्मचारी आपके घर रख देता हूं और दस की भर्ती कर देता हूं। यह सिर्फ एक उदाहरण है कि इन कर्मचारियों के साथ कितना खिलवाड़ हो रहा है।”
डॉ. जनक राज ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए कोई नीति नहीं बनाई गई है, जिसके चलते इनका शोषण रुकने का नाम नहीं ले रहा। उन्होंने दावा किया कि सरकार चाहकर भी इनके लिए नीति नहीं बना सकती, क्योंकि माननीय हाई कोर्ट इसकी इजाजत नहीं देगा और राज्य के 6 लाख से अधिक बेरोजगार इसके खिलाफ चुप नहीं बैठेंगे।
विधायक ने सदन में सरकार से मांग की कि आउटसोर्स कर्मचारियों को सर्विस और लीव रूल्स के दायरे में लाया जाए, न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाए, अटल पेंशन योजना लागू की जाए और हरियाणा की तर्ज पर इनके लिए ठोस फैसला लिया जाए।