सोलन: द लॉरेंस स्कूल, सनावर ने किरण नादर म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट (KNMA), नई दिल्ली के सहयोग से आर्ट और स्कल्पचर से सम्बंधित दो दिवसीय कला कार्यशालाओं का सफल आयोजन किया। इन कार्यशालाओं में विद्यार्थियों ने न केवल नई कलात्मक तकनीकों से परिचय प्राप्त किया, बल्कि सृजनात्मकता और कल्पनाशक्ति को भी नए आयाम दिए।

इस कार्यशाला का संचालन अतिथि कलाकार सुश्री जाह्नवी सोनी और सुश्री बंधना अग्रवाल द्वारा किया गया। इसमें विद्यार्थियों को छवि निर्माण की पारंपरिक अवधारणाओं से परे जाकर नकारात्मक स्थानों (Negative Spaces) का उपयोग, शब्दों को मिटाने और आकस्मिकताओं को कला का हिस्सा बनाने जैसे नवीन दृष्टिकोणों से परिचित कराया गया। काली बॉल पेन से किए गए व्यावहारिक अभ्यासों के माध्यम से विद्यार्थियों ने सीखा कि किस प्रकार सरलता से जटिलता का निर्माण किया जा सकता है
समानांतर रूप से मूर्तिकला कार्यशाला का संचालन सरकारी कला महाविद्यालय, चंडीगढ़ के प्राध्यापक चरनजीत सिंह द्वारा किया गया। लगभग 50 विद्यार्थियों ने इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यशाला में टेराकोटा पॉट बनाने की पारंपरिक विधियाँ और क्ले मॉडलिंग तकनीक सिखाई गई। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों ने सामूहिक रूप से प्लास्टर ऑफ पेरिस और पुराने अखबारों का उपयोग करते हुए “द सनावर लैंडस्केपिंग” की सृजनात्मक प्रस्तुति तैयार की।
इन व्यावहारिक सत्रों ने विद्यार्थियों की कला की समझ को गहरा किया और उन्हें अपनी कल्पनाओं को सार्थक कलात्मक अभिव्यक्ति देने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए सनावर स्कूल के प्रधानाचार्य हिम्मत सिंह ने कहा, “लॉरेंस स्कूल सदैव अपने विद्यार्थियों को विविधतापूर्ण शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इन कार्यशालाओं ने हमारे विद्यार्थियों को न केवल नई तकनीकें सिखाईं, बल्कि उन्हें स्वतंत्रता, दृष्टिकोण और सृजनात्मकता का महत्व भी समझाया। हमें विश्वास है कि यह अनुभव उनके भविष्य के कलात्मक प्रयासों को समृद्ध करेगा।”