शिमला: केंद्र सरकार ने देश भर में चार नई श्रम संहिताओं को लागू कर दिया है, जिसे भारत के श्रम क्षेत्र में दशकों बाद हुआ सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है। इन नए कानूनों वेतन संहिता, औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा और व्यवसायिक सुरक्षा संहिता के लागू होने से अब कर्मचारियों को समान वेतन, सामाजिक सुरक्षा और सुरक्षित कार्यस्थल जैसी सुविधाएं मिलेंगी। सरकार का मानना है कि इससे न केवल श्रमिकों का जीवन आसान होगा, बल्कि ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस ऐतिहासिक फैसले का हिमाचल प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ ने जोरदार स्वागत किया है। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेश ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रम मंत्रालय का आभार जताते हुए कहा कि यह निर्णय करोड़ों श्रमिकों और कर्मचारियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा। उन्होंने इसे श्रमिकों के अधिकारों को मजबूत करने वाला और रोजगार को नई दिशा देने वाला कदम बताया है।

महासंघ के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी सरकार के इस कदम की सराहना की है। राज्य उपाध्यक्ष सुशील शर्मा और जगदीश राणा ने कहा कि इससे कर्मचारियों को ईपीएफ और ईएसआई का दायरा बढ़ने के साथ-साथ समान वेतन और न्यूनतम वेतन की गारंटी मिलेगी। वहीं, महामंत्री उमेश कुमार और जिला मंडी अध्यक्ष हेत राम शर्मा का मानना है कि नई व्यवस्था से उद्योगों में स्थिरता आएगी, विवाद समय पर सुलझेंगे और योजनाओं का लाभ पारदर्शिता के साथ कर्मचारियों तक पहुंचेगा। मीडिया प्रभारी हेम राज धीमान ने इसे श्रमिक सम्मान की दिशा में एक अहम फैसला करार दिया है।