सोलन: हिमाचल प्रदेश: राजकीय महाविद्यालय, धर्मपुर में आज नशा निरोधक प्रकोष्ठ द्वारा एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों को नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले कानूनी और वित्तीय परिणामों के बारे में बताया गया। इस कार्यक्रम में धर्मपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ दलीप सिंह तोमर मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे। उनके साथ एएसआई राम कुमार और दो महिला पुलिस कांस्टेबल, चंपा ठाकुर और तरुणा, भी उपस्थित थीं। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजिंदर कश्यप ने एसएचओ और उनकी टीम का स्वागत करते हुए इस पहल की सराहना की।

‘चिट्टा’ और अन्य नशों के दुष्प्रभावों पर चर्चा
एसएचओ दलीप सिंह तोमर ने अफीम, भांग, हेरोइन, ब्राउन शुगर और विशेष रूप से ‘चिट्टा’ जैसे नशीले पदार्थों की आपूर्ति श्रृंखला पर एक विस्तृत और जानकारीपूर्ण व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि कैसे ये नशीले पदार्थ उपभोक्ताओं और उनके परिवारों को आर्थिक और कानूनी रूप से प्रभावित करते हैं।
तोमर ने छात्रों को एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) अधिनियम 1985 और उसकी विभिन्न धाराओं के बारे में भी समझाया, जो नशीले पदार्थों की बिक्री, आपूर्ति और उपभोग से जुड़े लोगों पर लागू होती हैं। उन्होंने विशेष रूप से अधिनियम की धारा 21 और 29 पर जोर दिया, जिसके तहत पुलिस नशा रखने वाले लोगों पर मामला दर्ज करती है और जांच करती है।
धर्मपुर पुलिस की उपलब्धियां
उन्होंने धर्मपुर पुलिस स्टेशन द्वारा नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने अब तक चिट्टा रखने के 160 मामले दर्ज किए हैं और 36 किलोग्राम चरस जब्त की है।
इस कार्यक्रम में कॉलेज के 114 छात्र-छात्राएं और सभी शिक्षण स्टाफ सदस्य मौजूद थे। कार्यक्रम के अंत में, नशा निरोधक प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. राम लाल भारद्वाज ने पुलिस विभाग का धन्यवाद किया और नशे की समस्या से निपटने में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।