नाहन : केंद्र सरकार की पीएम उषा योजना के तहत नाहन के डॉ. वाई.एस. परमार राजकीय महाविद्यालय में छात्राओं के लिए आधुनिक गर्ल्स हॉस्टल सुविधा तैयार हो रही है। यह कॉलेज प्रदेश के सबसे पुराने और प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक है, जहां हर वर्ष बड़ी संख्या में छात्राएं दूरदराज क्षेत्रों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने आती हैं। लंबे समय से हॉस्टल सुविधा की मांग की जा रही थी, जिसे अब केंद्र सरकार की इस योजना के माध्यम से पूरा किया जा रहा है।
कॉलेज परिसर में बनने वाले इस हॉस्टल का निर्माण 9.50 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विभव शुक्ला ने बताया कि इस परियोजना पर अब तक करीब 3 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और निर्माण कार्य लगातार तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। भवन का ढांचा आकार लेने लगा है और प्रबंधन को उम्मीद है कि निर्धारित समय में यह परियोजना पूरी हो जाएगी।

इस गर्ल्स हॉस्टल में प्रारंभिक रूप से 120 छात्राओं के रहने की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। हालांकि कॉलेज प्रशासन का प्रयास है कि क्षमता को बढ़ाकर 150 छात्राओं तक किया जाए, ताकि अधिक से अधिक बच्चियों को इससे लाभ मिल सके। हॉस्टल में छात्राओं के लिए सुरक्षित, स्वच्छ और सुविधाजनक माहौल उपलब्ध होगा, जिससे उनके अध्ययन में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
डॉ. शुक्ला ने बताया कि नाहन कॉलेज में सिरमौर जिले के दूरदराज इलाकों—जैसे गिरिपार, शिलाई, संगड़ाह और पांवटा साहिब क्षेत्र—से छात्राएं शिक्षा प्राप्त करने आती हैं। कई छात्राओं को रोजाना लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे समय और आर्थिक बोझ दोनों बढ़ते हैं। हॉस्टल बनने से इन समस्याओं से राहत मिलेगी और छात्राएं एक सुरक्षित माहौल में रहकर अपने अध्ययन पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी।
कॉलेज प्रशासन को भरोसा है कि यह हॉस्टल भविष्य में छात्राओं के लिए बड़ी सुविधा साबित होगा। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इस महत्वपूर्ण परियोजना से न केवल छात्राओं को लाभ मिलेगा, बल्कि कॉलेज की शैक्षणिक गुणवत्ता और आकर्षण में भी वृद्धि होगी।