नाहन : प्रवर्तन निदेशालय (ED) शिमला उप-जोनल कार्यालय ने भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी व अवैध संपत्ति अर्जन के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 2 दिसंबर 2025 को 2.58 करोड़ रुपये मूल्य की दो अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है। अटैच की गई संपत्तियों में सेक्टर-20 पंचकूला (हरियाणा) में एक फ्लैट और शिमला में एक आवासीय भवन शामिल हैं।
यह कार्रवाई हिमाचल प्रदेश सरकार में सहायक दवा नियंत्रक (Assistant Drug Controller) रह चुके निशांत सरीन और उनकी सहयोगी कोमल खन्ना के खिलाफ जारी जांच के तहत की गई। राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (SV&ACB) ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 11 के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी, जिसके बाद 2021 में निशांत सरीन और कोमल खन्ना के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई और उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

साल 2022 में हरियाणा पुलिस ने भी सरीन और खन्ना के खिलाफ फार्मा कंपनी Zhenia Pharmaceuticals, Panchkula के पार्टनरशिप डीड में फर्जीवाड़ा कर कोमल खन्ना की हिस्सेदारी 50% से 95% करने और धमकाने-उगाही के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी।
23 सितंबर 2025 को दर्ज एक और एफआईआर में आरोप लगाया गया कि निशांत सरीन ने हिमाचल प्रदेश में ड्रग इंस्पेक्टर/ADC रहते हुए 1.66 करोड़ रुपये की disproportionate assets अर्जित कीं। जांच में सामने आया कि सरीन ने नाहन, बद्दी, सोलन समेत कई स्थानों पर तैनाती के दौरान दवा कंपनियों से अवैध लाभ लिया और दबाव बनाकर उन्हें Zhenia Pharmaceuticals एवं Nia Pharma (पंचकूला) के साथ घाटे में व्यापार करने को मजबूर किया। अवैध कमाई को संपत्तियों, बैंक खातों व कोमल खन्ना व सरीन परिवार के नाम पर निवेश किया गया।
इससे पहले जून 2025 में ईडी ने तलाशी के दौरान दस्तावेज, आभूषण, वाहन और बैंक खातों में लगभग 3.20 करोड़ रुपये की राशि जब्त की थी। ताजा कार्रवाई को मिलाकर कुल अटैच/सीज़ संपत्ति का आंकड़ा 5.78 करोड़ रुपये हो गया है। निशांत सरीन को ईडी ने 09 अक्टूबर 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वे न्यायिक हिरासत में हैं।