नाहन : शहर में ठगी और जालसाजी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें एक फौजी के कैंटीन कार्ड का दुरुपयोग करते हुए ठगों ने स्थानीय व्यवसायी को निशाना बनाने की कोशिश की। यह घटना शहर के जाने-माने व्यवसायी विनोद कंठ के साथ घटी, जिन्होंने अपनी समझदारी और सतर्कता से खुद को इस ठगी से बचा लिया।
जानकारी के अनुसार, विनोद कंठ को एक कॉल आई जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को “आर्मी से संजय सिंह” बताते हुए कहा कि उसे 12 मिमी सरिया के 5 बंडल चाहिए। विनोद ने उन्हें कुल राशि ₹27,700 बताई। ठग ने कहा कि वह आधे घंटे बाद भुगतान करेगा। थोड़ी देर बाद उसने ₹25,000 का फर्जी ट्रांजेक्शन मैसेज भेजा और कहा कि बाकी ₹27,00 भी भेज रहा है। फिर उसने दूसरा फर्जी ट्रांजेक्शन का मैसेज भेजा और दावा किया कि गलती से एक “जीरो ज़्यादा लग गया” और ₹2,70,00 ट्रांसफर हो गए हैं, इसलिए विनोद से पैसे वापस करने को कहा।

सावधानी बरतते हुए विनोद कंठ ने अपने अकाउंट की जांच की, जिसमें कोई राशि प्राप्त नहीं हुई थी। जब उन्होंने भुगतान आने तक इंतजार करने को कहा, तो ठग ने आर्मी कैंटीन कार्ड (liquir card) की फोटो व्हाट्सएप पर भेजकर अपनी पहचान साबित करने की कोशिश की। इसके बाद जब विनोद कंठ ने अपने बैंक खाते की जांच की और बताया कि अब तक कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है तथा वे पैसे तभी लौटाएंगे जब रकम वास्तव में उनके खाते में आएगी — तो उसी क्षण ठग ने फोन काट दिया और उसके बाद उसकी कॉल बंद हो गई।
विनोद कंठ ने बताया कि वह भी एक सैनिक परिवार से हैं- उनके पिता भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं, इसलिए उन्हें तुरंत शक हो गया कि यह कोई फर्जीवाड़ा है। उन्होंने न केवल खुद को बचाया बल्कि यह चेतावनी दी है कि “अगर कोई व्यक्ति खुद को आर्मी से बताकर खरीददारी या पेमेंट के नाम पर बात करे, तो तुरंत उसका सत्यापन करें और कोई लेन-देन न करें।”
साथ ही उन्होंने आग्रह किया कि यह संदेश असली फौजी संजय सिंह तक पहुंचे, ताकि उन्हें पता चले कि उनके कैंटीन कार्ड का गलत उपयोग हो रहा है।