नौणी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक शिमला जिला के सेब बगीचों का करेंगे दौरा

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By Hills Post

सोलन: मानसून के आगमन के साथ ही सेब के बागानों में कई तरह की बीमारियों और कीटों का खतरा बढ़ जाता है, जिससे फलों की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। इसी संदर्भ में डॉ. यशवंत सिंह परमार  औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी द्वारा 9 और 10 जुलाई को शिमला जिले के विभिन्न क्षेत्रों में फील्ड विज़िट और जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

सेब बगीचों

इस पहल का उद्देश्य किसानों को सेब और अन्य स्टोन फ्रूट्स में फैलने वाली प्रमुख बीमारियों—विशेषकर अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट/ब्लाइट और अन्य पत्ती संबंधित रोगों—के बारे में जागरूक करना है। समय पर और क्षेत्र-विशिष्ट वैज्ञानिक सलाह देने के लिए विश्वविद्यालय ने पाँच विशेषज्ञ टीमों का गठन किया है, जिनमें नौणी मुख्य परिसर, क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र मशोबरा तथा सोलन और शिमला के कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक शामिल हैं।

प्रत्येक टीम में एक पौध रोग विशेषज्ञ, कीट वैज्ञानिक, फल विज्ञान विशेषज्ञ सहित अन्य विषय विशेषज्ञ होंगे। ये टीमें सेब के बागीचों में रोग और कीट प्रकोप का मूल्यांकन करेंगी और किसानों को उपयुक्त वैज्ञानिक सुझाव प्रदान करेंगी।

टीम विवरण एवं दौरा कार्यक्रम:

  • टीम 1: डॉ. उषा शर्मा, डॉ. नगेंद्र बुटैल, डॉ. नीना चौहान और डॉ. सुमित वशिष्ठ।  यह टीम 9 जुलाई को कोटखाई ब्लॉक के कलबोग और रतनाडी का दौरा करेंगी। 10 जुलाई को चिड़गांव ब्लॉक के बनुटी/देवीधार और संदासली का दौरा किया जाएगा।
  • टीम 2: डॉ. दिनेश ठाकुर, डॉ. उपेंद्र शर्मा, डॉ. संगीता शर्मा, और डॉ. अजय ब्रगटा। यह टीम 9 जुलाई को रोहड़ू ब्लॉक के टिक्कर और पुजारली का दौरा करेगी, जबकि 10 जुलाई को जुब्बल ब्लॉक के नंदपुर का दौरा करेगी।
  • टीम 3: डॉ. शालिनी वर्मा, डॉ. अजय शर्मा और डॉ किरण ठाकुर।  यह टीम 9 जुलाई को कोटखाई ब्लॉक के महासू और धारोंक का दौरा करेगी। 10 जुलाई को जुब्बल ब्लॉक के छाजपुर और अंटी का दौरा किया जाएगा।
  • टीम 4: डॉ. आरती शुक्ला, डॉ. प्रमोद वर्मा, और डॉ. अनुराग शर्मा। यह टीम कोटखाई ब्लॉक के चैथला, पांदली और खनेटी का दौरा करेगी, जबकि दौरे के दूसरे दिन जुब्बल ब्लॉक के मधोल का दौरा किया जाएगा।
  • टीम 5: डॉ. वीरेन्द्र राणा, डॉ. विकास शर्मा, और डॉ. आर.एस. जारियाल। इस टीम द्वारा ठियोग ब्लॉक के मतियाना और महोग का दौरा किया जाएगा, जबकि दूसरे दिन नारकंडा ब्लॉक के थानेदार और मधावनी का दौरा किया जाएगा।

इसके साथ ही क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र बजौरा (कुल्लू), केवीके चंबा और केवीके किन्नौर के वैज्ञानिक भी उपरोक्त तिथियों पर अपने-अपने क्षेत्रों में क्षेत्रीय दौरे और जागरूकता अभियान चलाएंगे।

इन दौरों का समन्वय विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशालय द्वारा किया जा रहा है। इन दौरे से प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर किसानों के लिए विस्तृत सलाह/advisory भी जारी की जाएगी।

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