नाहन : हिमाचल प्रदेश में बढ़ती आर्थिक समृद्धि के बावजूद, राज्य के बैंक खातों में साढ़े तीन अरब रुपये से अधिक की राशि ऐसी है जिसे पिछले 10 सालों से किसी ने क्लेम नहीं किया है। इस अप्रत्याशित लावारिस (Unclaimed) धन का एक बड़ा हिस्सा सिरमौर जिले से संबंधित है, जहाँ विभिन्न खातों में 19 करोड़ 83 लाख रुपये बिना किसी दावेदार के पड़े हुए हैं। यह राशि निजी बचत खातों, चालू खातों (Current Accounts) और सावधि जमा (Fixed Deposits – FDs) में जमा है, जो दर्शाता है कि समृद्ध हो रहे हिमाचली अपनी छोटी-बड़ी जमाओं को लेकर लापरवाह हो गए हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के निर्देश पर, इस पैसे को उसके सही मालिकों तक पहुँचाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी मुहिम चलाई जा रही है।
सिरमौर के लीड बैंक मैनेजर (एलडीएम) सनोज कुमार सिंह, ने इस विषय पर जानकारी देते हुए पुष्टि की है कि यह एक केंद्रीय पहल है जो अक्टूबर से दिसंबर तक तीन महीने की अवधि में चल रही है। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य उन सभी ग्राहकों तक पहुँचना है जिनके खाते 10 साल से अधिक समय से निष्क्रिय हैं, कोई लेन-देन नहीं हुआ है, और जिनके पास कोई नॉमिनी (उत्तराधिकारी) भी नहीं है। उन्होंने बताया कि इस मुहिम के तहत सिरमौर जिले के सभी बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अधिकतम संभव राशि को उसके ग्राहकों तक पहुँचाएँ। इसके लिए बैंक फोन, पत्र, और व्यक्तिगत संपर्क जैसे विभिन्न माध्यमों का उपयोग कर रहे हैं। ग्राहकों से केवल उनके केवाईसी (KYC) दस्तावेज़ लेकर उनके पैसे उन्हें वापस किए जा रहे हैं।

सिरमौर जिले में बैंकों द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। एलडीएम सनोज कुमार सिंह द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, जिले में अनक्लेम्ड पड़े ₹19 करोड़ 83 लाख में से, लगभग 1 करोड़ रुपये की राशि उसके सही खाताधारकों को सफलतापूर्वक वापस कर दी गई है। यह राशि जिले में सक्रिय विभिन्न प्रमुख बैंकों के प्रयासों का संचयी परिणाम है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) इस मुहिम में सबसे आगे रहा है, जिसने अकेले ₹56,71,956 (छप्पन लाख इकहत्तर हजार नौ सौ छप्पन रुपये) की सबसे बड़ी राशि ग्राहकों को लौटाई है। इसके बाद, हिमाचल प्रदेश को-ऑपरेटिव बैंक ने ₹27,29,811 (सत्ताईस लाख उनतीस हजार आठ सौ ग्यारह रुपये) की राशि वापस की, जो स्थानीय बैंकिंग प्रणाली की सक्रियता को दर्शाता है।
अन्य बड़े योगदानकर्ताओं में यूको बैंक शामिल है, जिसने ₹10,35,598 (दस लाख पैंतीस हजार पाँच सौ अट्ठानवे रुपये) और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) शामिल है, जिसने ₹9,22,000 (नौ लाख बाईस हजार रुपये) की राशि ग्राहकों तक पहुँचाई है। इसके अलावा, सेंट्रल बैंक ने ₹7,39,000 (सात लाख उनतालीस हजार रुपये) और इंडियन बैंक ने ₹31,339 (इकतीस हजार तीन सौ उनतालीस रुपये) की राशि के दावे सफलतापूर्वक निपटाए हैं।
यह विवरण स्पष्ट करता है कि आरबीआई की पहल के तहत, जिले के सभी बैंक ग्राहकों को उनके भूले हुए धन को वापस दिलाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
यह लावारिस धन वर्तमान में RBI के पास डिपॉजिट एजुकेशन अवेयरनेस फंड (DEAF) में जमा है।एलडीएम ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई उपभोक्ता अपना पैसा क्लेम करता है, तो बैंक तुरंत वह राशि उपभोक्ता को लौटा देगा और बाद में RBI से इसकी प्रतिपूर्ति (Reimbursement) प्राप्त कर लेगा। इसके अतिरिक्त, RBI ने मालिकों को ढूंढने के लिए एक विशेष https://udgam.rbi.org.in पोर्टल भी लॉन्च किया है और बैंक इस संबंध में जागरूकता शिविरों का आयोजन भी कर रहे हैं।