सोलन में शमशानघाट से अस्थियां गायब होने का मामला सुलझा, सामने आया सच

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By Hills Post

सोलन: चंबाघाट स्थित शमशानघाट में लॉकर से अस्थियां गायब होने के मामले ने सबको चौंका दिया था, लेकिन पुलिस की सूझबूझ और गहन जांच ने इस संवेदनशील मामले की गुत्थी सुलझा ली है। पुलिस चौकी शहर सोलन की तफ्तीश में सामने आया है कि यह कोई चोरी या शरारत नहीं, बल्कि एक मानवीय भूल (Human Error) थी। अंधेरे और एक जैसे लॉकर होने के कारण अस्थियों की अदला-बदली हो गई थी।

मामला 25 दिसंबर 2025 का है, जब पुलिस को शिकायत मिली थी कि शमशानघाट के लॉकर में रखी अस्थियां गायब हैं। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंचकर दाह संस्कार के रजिस्टर और सीसीटीवी फुटेज खंगाले। तस्दीक के दौरान शिकायतकर्ता के भाई राजीव पाल और दूसरे पक्ष के प्रणव घोष को मौके पर बुलाया गया। जांच में खुलासा हुआ कि प्रणव घोष के चाचा स्वर्गीय विजय घोष का अंतिम संस्कार भी उसी शमशानघाट में हुआ था। 19 दिसंबर की सुबह जब प्रणव घोष अस्थियां लेने पहुंचे, तो अंधेरा होने और लॉकर एक जैसे दिखने के कारण उनसे चूक हो गई। संयोगवश उनकी चाबी दूसरे लॉकर में लग गई और वह भूलवश अपने चाचा की जगह शिकायतकर्ता की माता की अस्थियां लेकर चले गए।

जांच में यह भी पुष्टि हुई कि प्रणव घोष ने उन अस्थियों को पूरे विधि-विधान के साथ हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित कर दिया है, जबकि उनके चाचा की अस्थियां शमशानघाट के दूसरे लॉकर में सुरक्षित पाई गईं। पुलिस के समक्ष प्रणव घोष और उनके परिजनों ने अपनी गलती स्वीकारते हुए माफी मांगी। मामले की संवेदनशीलता और अनजाने में हुई गलती को देखते हुए शिकायतकर्ता पक्ष ने भी बड़ा दिल दिखाया और माफी स्वीकार कर ली। उन्होंने पुलिस से किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई न करने का आग्रह किया। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि यह घटना अनजाने में हुई त्रुटि थी और इसमें कोई भी आपराधिक मंशा नहीं पाई गई, जिसके बाद मामले का पटाक्षेप कर दिया गया है।

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